दिल्ली के डाबड़ी इलाके में साउथवेस्ट से दो महिलाओं को सालो से एक कमरे में बंद किए जाने की घटना सामने आई थी। पीड़ित दोनों महिलाओ को बचा तो लिया गया है लेकिन पुलिस को अभी महावीर मिश्रा नाम के शख्स से पूछ ताछ कर रही है। गिरफ्तार शख्स ने दोनों महिलाओ को कमरे में कैद क्यों किया था। कुछ रिश्तेदारों का कहना है कि ये महिलाएं परिवार के मृत लोगों से मिलने का दावा करती थीं। वहीं परिवार की एक बहू का कहना है कि मिश्रा ने उसके भी बाहर निकलने पर इसी तरह रोक लगा दी थी।
कलावती (42 साल) और उनकी बेटी दीपा का दीन दयाल उपाध्याय हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। पुलिस ने गुरुवार को कहा कि दोनों का बयान सुनने के बाद ही मामला साफ हो पायेगा। डीसीपी (साउथवेस्ट) सुरेंद्र कुमार ने कहा,’हमने अभी महिलाओं से पूछताछ नहीं की है।’ कलावती के ससुर महावीर मिश्रा ने पुलिस को बताया कि उनके बेटे की मौत के बाद उनकी बहू डिप्रेशन में चली गई थी और मां के बाद बेटी भी ऐसा ही हाल हुआ था। कलावती कहती थी कि वह रोज अपने पति से मिलती है और उसके साथ लंबी बातचीत करती है।’ मिश्रा का कहना है कि वह अपनी बहू के खराब मानसिक हालत का इलाज करा रहे थे।
मिश्रा की बड़ी बहू उर्मिला का कुछ और ही कहना है उन्होंने कहा की वह भी उसी घर में रहती है लेकिन उसने कलावती और दीपा को चार साल बाद बुधवार को देखा। उनका कहना है की मिश्रा ने उसे घर से बाहर कदम न रखने की चेतावनी दी थी। उर्मिला के मुताबिक,’एक सड़क हादसे में मेरे पति की मौत के बाद मेरे ससुर ने मुझे चेतावनी दी थी कि अगर मैंने उनकी बात न मानी तो वह मुझे घर से बाहर निकाल फेंकेंगे।
जानकारी के मुताबिक पड़ोसी ने पुलिस को इसकी जानकारी दी। हालांकि जब पुलिस बुधवार को उनके घर पहुंची तो दोनों ने कहा कि वे अपनी मर्जी से अलग रह रही थीं। पुलिस ने पाया कि दोनों महिलाएं कुपोषित और अस्त-व्यस्त हालत में थी। एक सीनियर अधिकारी ने बताया,’उनके पूरे शरीर पर छाले पड़े हुए थे और वे मानसिक रूप से अस्थिर लग रही थीं।