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murad nagar letter by blood

पीएम मोदी और पूर्व सीएम अखिलेश के नाम लिखे खून से पत्र को किया ट्विट

दिल्ली की महिला ने परिवार समेत आत्महत्या की मांगी इजाजत

गाजियाबाद: दिल्ली की रहने वाली एक महिला ने देश के पीएम नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव को खून से लिखे दो पत्रों को वीरवार देर रात ट्विट किया है। पीडि़ता ने पीएम और सीएम से परिवार समेत आत्महत्या की इजाजत मांगी है। उसका आरोप है कि मुरादनगर पुलिस उनके एक केस में गलत कार्रवाई कर रही है। महिला के ट्विट के बाद यूपी पुलिस हरकत में आई और मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।

यह है मामला

ghaziabad letter writen by bloodदिल्ली की रहने वाली सरिता ने साल 2009 में मोरटा गांव के रहने वाले सचिन त्यागी से अंर्तजातीय विवाह किया था। महिला को आरोप है कि उनकी शादी से सचिन के परिजन खुश नहीं थेे। जिसके चलते पहले तो उसके ससुराल पक्ष के लोगों ने उसे जातिसूचक शब्द कह कर प्रताडि़त किया। पति ने जब अपने परिजनों से प्रॉपर्टी में हिस्सा मांगा तो उन दोनों की उन्होंने बेरहमी से पिटाई कर दी। जिससे उनके पति की रीड की हड्डी में गंभीर चोट आईं। बाद में चोट ने टीबी का रूप ले लिया। महिला ने बताया कि लगातार उत्पीडऩ से परेशान होकर जुलाई 2016 में उन्होंने एसएसपी से ससुराल पक्ष के लोगों की शिकायत की। एसएसपी के आदेश पर  मुरादनगर थाने में 7 लोगों के खिलाफ एससी एसटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा भी दर्ज हुआ। महिला का आरोप हैै कि पुलिस ने इस मामले में बिना कोई कार्रवाई किए एफ आर लगा दी। इसके बाद से वह लगातार अफसरों के चक्कर काट रहे हैं।

सैकड़ों बार काटे मुरादनगर थाने के चक्कर

सरिता ने बताया कि उनके पति को कैंसर और बोन टीबी है। आरोप है कि केस दर्ज करने के बाद मुरादनगर पुलिस लगातार उसे थाने में पूछताछ के लिए बुलाती रही। सरिता का कहना है कि वह सौ से भी ज्यादा बार थाने पहुंची। बावजूद इसके पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके लिए महिला ने तत्कालीन सीओ सदर पर आरोपियों से मिलीभगत करने के आरोप लगाए हैं।

नए सीएम योगी से जगी आस

पीडि़ता सरिता का कहना है कि उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद उन्हें भी न्याय की आस जगी है। जिसकी वजह से उन्होंने अपने पुराने पत्रों को ट्विट किया। वे चाहते हैं कि उनकी आवाज देश के प्रधानमंत्री मोदी से होते हुए प्रदेश के नए सीएम आदित्यनाथ योगी तक पहुंचे और उन्हें न्याय मिल सके।

पुलिस का पक्ष

वर्तमान सीओ सदर आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले में पुलिस जांच के बाद फाइनल रिपोर्ट (एफ.आई.आर) लगा चुकी है। इसके अलावा तत्कालीन सीओ पवन कुमार का कहना है कि केस दर्ज होने के बाद जब मामले की जांच की गई तो पता चला कि जिस दिन महिला परिवार पर मारपीट का आरोप लगा रही है, उस दिन उसकी लोकेशन वहां नहीं पाई गई। इसके अलावा पति की बीमारी के बारे में अस्पताल से बात करने के बाद पीडि़ता की शिकायत को गलत पाया गया था। इसलिए केस में एफ आई आर लगा दी गई थी।

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