गुरु पूर्णिमा का पर्व 27 जुलाई को पड़ रहा है। इस दिन ही सदी का सबसे बड़ा चंद्रग्रहण भी पड़ रहा है। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण रात के 11 बजे से लेकर सुबह 3 बजे तक लगेगा, जो कि 1 घंटे 43 मिनट तक चलेगा। चंद्रग्रहण पर राशि अनुरूप दान बहुत आवश्यक है। कलयुग में भगवान के नाम का जप और दान की अनंत महिमा है। दान से कष्ट कटता है। ग्रहण के उपरांत स्नान करके पूजा करें फिर दान करें। जैसा कि विदित है इस कारण दोपहर 2:54 बजे से सूतक लग जाएगा। सूतक काल से पूर्व ही गुरु पूजन करना होगा। भारतीय विद्या भवन के वास्तुविद् और ज्योतिषी का कहना है कि यह चंद्रग्रहण सबसे बड़ा होगा। इसका प्रभाव छह माह तक रहेगा। ऐसे में गुरु पूर्णिमा पर गुरु की पूजा के लिए उपयुक्त समय दोपहर से पूर्व का रहेगा।सुबह से दोपहर 2:54 बजे तक गुरु चरणों का पूजन करना शुभ रहेगा। सूतक काल में पूजन का विधान नहीं है। 28 जुलाई से सावन लग रहा है। ऐसे में इस दिन भोर पांच बजे से मंदिरों के पट खुल जाएंगे।
चंद्रग्रहण पर एक नजर—-
सूतक काल -दोपहर 2:54 बजे से शुरू
ग्रहण प्रारंभ-रात 11:54 बजे
ग्रहण समाप्ति-रात 3:49 बजे
