नवरात्र का आज पहला दिन है और सुबह से ही भक्तो का मंदिरो में भरी ताका लग रहा है। माँ वैष्णो देवी में भी भक्तो की भारी भीड़ देखनो के मिल रही है। लेकिन सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम किये गए हैं जिससे कोई हादसा न हो। चैत्र का पहले नवरात्र मार्च से शुरू हो गए हैं। 28 मार्च 2017 से शुरू होके 4 अप्रैल को खत्म होंगे। शैलराज हिमालय की कन्या होने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा गया है। मां शैलपुत्री दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का पुष्प लिए हुए हैं। इनका वाहन वृषभ है। इन दिनों में दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करें।
हिंदू धर्म में चैत्र अमावस्या को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना गया है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन स्नान, दान आदि विशेष कार्यों का विधान है। अमावस्या को पितरों के तर्पण आदि के लिए विशेष दिन के रूप में परिगणित किया गया है। ऐसा माना जाता है कि अमावस्या वाले दिन व्रत रखते हुए पितरों के लिए तर्पण आदि किया जाए तो पितर प्रसन्न होते हैं और उनकी संततियों को अमोघ फल की प्राप्ति होती है।
- इन नौ दिनों में व्रत जरूर रखे| यदि सारे नहीं रख सकते तो पहला, चौथा और आखिरी दिन का उपवास जरूर करें|
- यदि हो सके तो पूजा के समय लाल वस्त्र धारण करें| लाल रंग का तिलक जरूर लगाए| लाल रंग आपको एक विशेष ऊर्जा प्रदान करता है|
- नौ दिनों तक माँ दुर्गा के नाम की ज्योति अवश्य जलाये|
- अष्टमी या नवमी जो भी आपके घर होती है| उस दिन कन्याओ का पूजन करके उन्हें भोजन करवाये|