हाई कोर्ट के सीबीएसई पर मॉडरेशन पॉलिसी को इसी साल से हटाने के फैसले पर रोक लगते हुए कहा था की यदि ऐसा होता है तो सेकड़ो बच्चो का रिजल्ट ख़राब हो सकता है। इस पर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सीबीएसई इसी हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगा। सूत्रों की माने तो ज्यादातर स्कूल्स इस मामले में क्या फैसला आता है इसको लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति में हैं जिस वजह से स्टूडेंट्स के 12वीं के रिजल्ट आने में देर हो रही है। ISCE इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन जो आमतौर पर हर साल मई के दूसरे सप्ताह तक अपने रिजल्ट्स की घोषणा कर देता था वह भी इस साल इसी रणनीति का पालन कर रहा है।
इस पूरे मामले पर संदेह इसलिए भी है कि सीबीएसई ने चुप्पी साध रखी है कि मॉडरेशन विवाद को लेकर वह 12वीं के रिजल्ट्स रोकेगा या नहीं। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडे़कर का कहना है कि हम ग्रेस मार्क्स का विरोध नहीं कर रहे हैं। इससे फेल छात्रों को पास होने का मौका मिलता है। इसके अलावा तकनीकी रूप से मॉडरेशन पॉलिसी के तहत कठिन प्रश्न पत्र आने पर छात्रों को अतिरिक्त अंक दिए जाते हैं, जोकि सही है। हम स्पाइकिंग मॉर्क्स का विरोध कर रहे थे।
बुधवार को मानव विकास संसाधन मंत्रालय ने हाई कोर्ट के ऑर्डर पर कानूनी सलाह लेने का फैसला किया था। सीबीएसई के चेयरपर्सन और स्कूल एजुकेशन के सेक्रटरी के साथ बैठक में चर्चा की गई हुई जिसमे मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘मीटिंग में यह फैसला किया गया कि इस मामले पर कानूनी राय ली जाएगी और दूसरे विकल्पों पर भी चर्चा होगी। आगे क्या कार्रवाई करनी है इसका फैसला कानूनी राय लेने के बाद ही किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, सीबीएसई का रिजल्ट लगभग तैयार हो चुका है और उसे आखिरी टच दिया जा रहा है। बहरहाल, सीबीएसई अपनी अपील में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मॉडरेशन पॉलिसी से जुड़े विभिन्न पहलु रखेगा।