न्यूज़ एजेंसी: मध्य प्रदेश के मुख्या मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गाँधी गिरी का रास्ता चुना है। राज्य में हो रही हिंसा और आंदोलन को रोकने के लिए शिवराज सिंह चौहान शनिवार को उपवास पर बैठ गए हैं। सीएम ने किसानों को समस्याओं पर चर्चा के लिए कहा है। उन्होंने कहा की जब-जब किसानो पर संकट आया है, तब-तब मैं सीएम आवास से निकल कर उनके बिच आया हूँ। उन्होंने कहा में शांति बहाली तक उपवास करूँगा। हम नया आयोग बनाएंगे जो फसलों की सही लागत तय करेगा। उस लागत के हिसाब से हम किसानों को सही कीमत दिलाएंगे। सीएम यहाँ दशहरा ग्राउंड पर अनशन के लिए बैठे हैं।
उपवास पर बैठने के बाद शिवराज ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के किसानों की हमदर्द है। उन्होंने कहा, “किसान की मेहनत और परिश्रम को बेकार नहीं जाने दिया जाएगा। शिवराज ने कहा की हमारी सरकार आम जनता के लिए है, आंदोलन तभी जायज जब सरकार बात नहीं करे। हम तो बात करने के लिए तैयार हैं।’ सीएम ने कहा, ‘किसानों को लाभकारी मूल्य देना मध्य प्रदेश की धरती पर सुनिश्चित कर दिया जाएगा। किसान और उपभोक्ता के बीच बिचौलिए को खत्म कर दिया जाएगा। सरकार केंद्र सरकार के समर्थन मूल्य पर फसल की खरीद करेगी। राज्य सरकार ने मालवा को रेगिस्तान बनने से बचाया। शिवराज ने कहा, ‘मालवा इलाके में नर्मदा का पानी ले जाया गया। एक ओर जहां मध्य प्रदेश के किसानो आंदोलन की आग को शांत करने के लिए सीएम उपवास कर रहे हैं, दूसरी ओर उनके मंत्री बड़े बयान दे रहे हैं। शिवराज सरकार के कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने इस पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ कर दिया है, चाहे किसान कितने भी उग्र हो जाएं उनका कर्ज माफ नहीं होगा।