दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद केस में आज बड़ा फैसला दिया। कोर्ट ने आदेश दिया कि बीजेपी के बड़े नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत 13 आरोपियों पर षडियंत्र का मामला चलेगा। कोर्ट ने कहा है की रायबरेली में चल रहे केस को लखनऊ में ही चलाया जाए। कोर्ट का यह फैसला ऐसे वक्त में आया है, जब जल्द ही राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाला है। जहां तक कल्याण सिंह का सवाल है, चूंकि वह राजस्थान के गवर्नर हैं, इसलिए उन पर मुकदमा नहीं चल सकता। जबतक वह गवर्नर रहेंगे तबतक उनपर कोई केस रजिस्टर नहीं होगा। फैसला आने के बाद कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने उमा भारती और कल्याण सिंह के पद छोड़ने की मांग की।
कोर्ट ने फैसला सुनते हुए कहा की वह सीबीआई की अपील को स्वीकार कर रहे हैं। सीबीआई ने कोर्ट से मांग की थी कि बीजेपी नेताओं समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश का मामला जोड़ा जाए। सीबीआई की ओर से दलील दी गई थी कि बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत अन्य 13 बीजेपी नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश का केस चलना चाहिए। कोर्ट ने इसके लिए मामले की लखनऊ कोर्ट में रोजाना सुनवाई के आदेश दिया है।
सीबीआई ने हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा कि रायबरेली केस को भी लखनऊ लाया जाए। हाई कोर्ट ने मना कर दिया और कहा कि यह केस ट्रांसफर नहीं हो सकता क्योंकि नियम के तहत 198 के लिए चीफ जस्टिस से मंजूरी नहीं ली गई। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 20 मई 2010 के आदेश में ट्रायल कोर्ट के फैसले को सही ठहराया। इस फैसले को सीबीआई ने 2011 में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती थी।