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कोर्ट के आदेश पर भी मदद नहीं कर रही पुलिस

मासूम की चाह में थाने के चक्कर काट रही बेवस मां

गाजियाबाद: ढाई साल की मासूम बेटी को पाने की चाह में एक महिला इंजीनियर बीते दस दिनों से सिहानीगेट थाने के चक्कर काट रही है। कोर्ट के आदेश के बाद भी पुलिस उसकी मदद नहीं कर रही है। पीडि़ता का कहना है कि पति से उसका तलाक का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। उसकी बेटी पति के पास है। जिसे कोर्ट ने महिला को सौंपने के आदेश दिए हैं और सिहानीगेट पुलिस को पीडि़ता की मदद करने का भी आदेश कोर्ट ने दिया है। बावजूद इसके पुलिस न तो पीडि़ता की रिपोर्ट दर्ज कर रही और न ही उसकी मासूम बच्ची को वापस दिलाने में कोई मदद कर रही। महिला ने एक चौकी इंचार्ज पर पति का साथ देने के भी आरोप लगाए हैं।

बेटी होने पर किया पति ने उत्पीडऩ शुरू

मूलरूप से मथुरा की रहने वाली श्वेता यादव पुत्री किशन लाल ने बताया कि वह गुरुग्राम स्थित एक कंपनी में इंजीनियर है। दिसम्बर 2011 में उसने दोनों परिवारों की रजामंदी से झांसी के रहने वाले प्रताप सिंह यादव से लव मैरिज की थी। शादी के बाद वह पति के साथ पटेलनगर फस्र्ट में किराए के  मकान में रह रही थी। प्रताप ग्रेटर नोयडा में खुद की एक कंपनी का संचालन करता है। इशानी नाम की उनकी ढाई साल की बेटी है। आरोप है कि बेटी होने के बाद पति और ससुराल पक्ष के लोगों ने उसका उत्पीडऩ शुरू कर दिया। वे बेटे की चाह रखते थे। उत्पीडऩ के चलते वह पति को छोडक़र बीते डेढ़ साल से अलग रह रहने लगी। उनका गाजियाबाद कोर्ट में तलाक का मामला विचाराधीन है।

तलाक  के लिए पति ने रखी थी शर्त

श्वेता ने बताया कि पति ने तलाक देने के लिए उसके सामने कोर्ट मेें बेटी को अपने साथ रखने की शर्त रखी थी। जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर 2 मार्च को उसने अपनी शर्तों के साथ बेटी को पति को सौंप दिया था। पीडि़ता का कहना है कि जब वह बेटी से मिलने पहुंची तो बेटी की हालत बेहद खराब थी। जिसको लेकर उसकी पति से कहासुनी हुई। आरोप है कि उसके बाद पति ने उसे बेटी से मिलने नहीं दिया और वह उसे लेकर फरार हो गया। इसकी शिकायत उसने कोर्ट में की तो कोर्ट ने 15 मार्च को आदेश जारी करते हुए सिहानीगेट पुलिस को आदेशित किया कि वह पीडि़ता की बच्ची को वापस दिलाने में उसकी मदद करे। बावजूद इसके पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और पीडि़ता बीते दस दिनों से थाने के चक्कर काटने को मजबूर है।

पति को दे रहा चौकी इंचार्ज शह

पीडि़ता का कहना है कि कोर्ट का आदेश लेकर जब वह एसएचओ सिहानीगेट से मिली तो उन्होंने मामले का जिम्मा पटेलनगर चौकी इंचार्ज को सौंप दिया। आरोप है कि चौकी इंचार्ज ने महिला की मदद करने के बजाए उसके आरोपी पति से सांठगांठ कर ली। पीडि़ता का दावा है कि चौकी इंचार्ज के उसके पति से मिले होने के सबूत हैं।

कोट

एसएचओ सिहानीगेट डालचंद ने बताया कि पीडि़ता की तहरीर पर पति प्रताप सिंह के खिलाफ बेटी को अगवा करने का मामला दर्ज कर लिया गया है। एसएचओ ने चौकी इंचार्ज पर लगाए आरोपों को खारिज करते हुए बताया कि चौकी इंचार्ज ने महिला की मदद की कोशिश की थी। इस दौरान उसने कई बार उसके पति से संपर्क साधा था जिसे महिला सांठगांठ बता रही है। फिलहाल केस की जांच चौकी इंचार्ज से बदलकर महिला एसआई को सौंप दी गई है। आरोपी की तलाश में सम्भावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।

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