बुधवार की दुपहर में लगी आग में 6 लोगो की मौत हो गई थी, सेक्टर-11 स्थित एफ 55 एक्सेल ग्रीनटेक कंपनी लगी आग में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और कंपनी के एग्जेक्युटिव डायरेक्टर संजय दास की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज करवा दी गई है। आग लगने की वजह का अभी तक पता नहीं चल पाया है। चीफ फायर अफसर ने हुए हादसे के लिए सेक्टर 24 पुलिस स्टेशन में शिकायत दी गई थी। इसके आधार पर सेक्टर-24 पुलिस स्टेशन में लापरवाही से हुई मौतों का केस दर्ज किया गया है।
एसपी सिटी दिनेश यादव ने बताया कि फायर डिपार्टमेंट की तहरीर के आधार पर एक्सल ग्रीनटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। जिस इमारत में कंपनी चल रही थी उसकी मालिक कंपनी एसआरएस क्रिएशंस के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। एसपी सिटी ने बताया कि आग लगने के बाद से एक्सल ग्रीनटेक कंपनी के मालिक पुलिस के संपर्क में नहीं हैं।
फायर डिपार्टमेंट के जॉइंट डायरेक्टर अरविंद कुमार ने बताया कि फायर एनओसी के लिए रूपरेखा बनी हुई है। बिल्डिंग के निर्माण के समय प्रॉविजनल एनओसी दी जाती है, जिसमें कंपनी यह बताती है कि बिल्डिंग में फायर फाइटिंग के लिए क्या-क्या इंतजाम किए जाएंगे। बिल्डिंग का निर्माण पूरा होने पर फाइनल एनओसी दी जाती है। जिस बिल्डिंग में एक्सल ग्रीनटेक कंपनी चल रही थी, उसके लिए एसआरएस क्रिएशंस ने मार्च 2015 में प्रॉविजनल एनओसी ली थी, लेकिन फाइनल एनओसी नहीं ली। न ही एक्सल ग्रीनटेक कंपनी ने इसके लिए अप्लाई किया।
ट्रांसपोर्टर भी लापता
पेमेंट लेने पंहुचा ट्रांसपोर्टर भी लपटाह बताया जा रहा है। आग लगने से पहले दिल्ली के एक ट्रांसपोर्टर पेमेंट लेने कंपनी में आए थे। जब बुधवार देर रात तक पवन शर्मा अपने घर नहीं पंहुचा तो गुरुवार को उनकी खोजबीन करते हुए उनके भाई शिवरतन शर्मा और बेटा नॉएडा आये। पुलिस ने उन्हें जली हुई लाशें दिखाईं, लेकिन शवों की हालत ऐसी नहीं है कि उनकी शिनाख्त हो सके। लिहाजा अब उनके डीएनए सैंपल लिए जाएंगे। गुरुवार को कंपनी के बाहर भाई की तलाश में घूम रहे शिवरतन शर्मा ने बताया कि वह दिल्ली शास्त्री नगर में रहते हैं। उनका ट्रांसपोर्ट का काम है। एक्सेल ग्रीनटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में उनकी पेमेंट पेंडिंग थी। पेमेंट लेने के लिए उनके भाई पवन शर्मा बुधवार दोपहर को यहां आए थे। दोपहर करीब 1:15 पर उनके मोबाइल पर भाई से बात हुई थी। इसके बाद उनसे बात नहीं हो पाई। उनका फोन भी बंद हो गया। घरवालों को लगा कि शायद किसी परिचित के पास गए होंगे, लेकिन देर रात तक वह घर नहीं पहुंचे। गुरुवार सुबह वह यहां पहुंचे और सेक्टर-24 पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने उन्हें शव पहचानने को कहा, लेकिन शवों की हालत ऐसी थी कि उनकी शिनाख्त नहीं हो सकती है। लिहाजा उन्होंने पुलिस से डीएनए करवाने को कहा है।