दिलवालों का शहर दिल्ली, लेकिन दिल्ली में कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनकी इंसानियत मर चुकी है। वाक्य दिल्ली स्थित डाबड़ी इलाके के महावीर एन्केल्व पार्ट-2, गली नंबर-11 ए-ब्लॉक का है। पुलिस के मुताबिक डाबड़ी इलाके में एक कमरे में बंद जिंदा कंकाल बन चुकीं मां-बेटी को निकाला गया है। बताया जा रहा है कि मां बेटी इस कमरे में कई सालों से कैद थीं। मामले की जाँच के लिए पुलिस ने एक बुजुर्ग को पूछताछ के लिए पुलिस ने हिरासत में लिया है। बुधवार देर शाम जानकारी मिलने पर आरडब्ल्यूए के कुछ लोग पुलिस को लेकर घर पहुंचे। कमरे से बदबू आ रही थी। छोटे से अंधेर कमरे में एक चारपाई पर मां बेटी सिर्फ सांस ले रही थीं।
पुलिस की टीम भी मुंह पर कपड़ा बांधकर अंदर जा सकी। घटना के वक्त आसपास के लोगों का जमावड़ा लग गया। रेस्क्यू कराने के दौरान महिला पुलिसकर्मियों को भी बुला लिया गया था। पीसीआर के जरिए मां बेटी को सीधे अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया गया।
कंकाल बन चुकीं मां-बेटी के शरीर में इतनी भी ताकत नहीं थी की वह कुछ बोलकर बयान दे सकें। पुलिस अफसरों का कहना है कि पीड़ित दोनों की हालात में शुधार आने के बाद ही उनसे कुछ पूछा जा सकेगा।
पुलिस के मुताबिक, रेस्क्यू कराई गई दोनों महिलाओं की पहचान कलावती मिश्रा (मां) व दीपा मिश्रा (बेटी) हैं। हिरासत में लिया गया बुजुर्ग शख्स महावीर मिश्रा हैं, जो एमटीएनएल से रिटायर्ड है। शुरुआती जांच में मालूम चला है कि महावीर मिश्रा के दो बेटे थे। दोनों की मौत हो चुकी है, जिनमें एक बेटे तेजबहादुर की मौत 2007 में हुई थी। पति की मौत के बाद कलावती अपनी बेटी दीपा के साथ इसी घर में रह रही हैं। महावीर की वाइफ का भी देहांत हो चुका है। बताया जा रहा है कि दूसरे बेटे की वाइफ व बच्चे महावीर के गलत बर्ताव की वजह से अलग रह रहे हैं। आसपास के लोगों ने तेजबहादुर की मौत के बाद कुछ समय तक ही उनकी पत्नी कलावती और दीपा को बाहर आते-जाते देखा था। उसके बाद उन्हें कभी नहीं देखा। लोगों ने हालचाल जानने की कोशिश भी की मगर महावीर के झगड़ालू रवैये से सभी दूरी बनाकर रखते हैं।
इस मसले में आरडब्ल्यूए के जनरल सेक्रेटरी संजय पोद्दार व उनके साथ अन्य लोगों ने इस बारे में पता किया। बुधवार देर शाम ये लोग डाबड़ी थाने पहुंचे। जहां से पुलिस को पूरी घटना के बारे में पता चला। करीब साढ़े छह बजे भारी भरकम पुलिस टीम उस इलाके में पहुंची। उस वक्त महावीर अपनी शॉप में आराम से लेटा हुआ था। पुलिस उनको सूचित करते हुए अंदर दाखिल हुई। कमरे में जब पहुंचे तो अंदर का हाल बेहद डरावना था। चारों तरफ बदबू फैली हुई थी। किसी की हिम्मत नहीं हुई कि वह सीधे दाखिल हो सके। सभी ने मुंह को कपड़े से ढका। मां बेटी एक ही चारपाई पर पड़ी थीं। पुलिस के पहुंचने पर भी वह हिल डुल नहीं पा रही थीं।