न्यूज़ एजेंसी: आखिर कार आठ दिन बाद मध्य प्रदेश सरकार ने गुरुवार को मान लिया कि मंदसौर में भड़के किसान आंदोलन में किसानो की मौत पुलिस की कार्यवाही से ही हुई थी। बता दें की पुलिस कार्यवाही में 5 लोगो की मृत्यु हो गई थी। जिसमे से एक स्कूली छात्र भी था। मध्य प्रदेश के गृहमंत्री ने स्वीकारा कि किसानों पर पुलिस ने ही गोली चलाई थी। इस बीच, किसान आंदोलन के हिंसक होने के बाद मंदसौर के कलेक्टर और एसपी को हटा दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक आंदोलन के बाद कई इलाकों में अभी भी मोबाइल सर्विसेस सस्पेंड हैं। इसके साथ ही अभी कई जगह एसी हैं जहा अब भी कर्फ्यू लगा हुआ है।
गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा, 5 किसानों की मौत पुलिस की गोलीबारी में हुई है। जांच में इसकी पुष्टि हुई है।’ हालाँकि राज्य सरकार के मंत्री अब तक यही कह रहे थे कि गोली अराजक तत्वों द्वारा चलाई गई थी। स्थानीय निवासी अनुशार 1 जून को किसानों ने अपनी फसल की अच्छी कीमत के लिए एक दिवसीय प्रदर्शन जारी किया। 3 दिन बाद यानी 4 जून को सीहोर, इंदौर और भोपाल में किसानों और पुलिस के बीच झड़प हुई, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए। जिसके बाद मंगलवार को मंदसौर में पुलिस फायरिंग में 5 किसानों की मौत हो गई। इससे कसान भड़क गए और उन्होंने रोड पर प्रदर्शन कर रोड जाम कर दिया।
जानकारी के अनुशार राहुल गांधी भी मंदसौर के लिए निकल पड़े हैं। यहाँ वह मृतक किसानो के परिवार वालो से मिलेंगे, परन्तु राहुल गांधी को मंदसौर जाने की इजाजत नहीं मिली है इसके बावजूद वे वहां के लिए रवाना हो गए हैं। दूसरी ओर राज्य सरकार की तरफ से घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए जाने के साथ ही मृतकों के परिजनों के लिए एक करोड़ रुपये सहायता राशि और नौकरी की घोषणा की गई है।
किसानो ने क्यों लिया आंदोलन करने का फैसला
फसलों की उचित कीमत, कर्ज माफी, जमीन के बदले मिलने वाले मुआवजे और दूध के रेट को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। यह आंदोलन 10 जून को खत्म होना था लेकिन इसी बीच, 4 जून को पुलिस की गोलीबारी में 5 लोगो की मौत हो गई और 6 पुलिस वाले भी घायल हो गए।