दिल्ली इनसीआर जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने को लेकर एविएशन मिनिस्ट्री की ऑपरेशनल कमेटी ने हरी झंडी दिखा दी है। 17 साल से इंतजार में पड़े जेवर एयरपोर्ट को दिल्ली के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बढ़ती यात्रियों की आवह जाहि को देखते हुए इस एयरपोर्ट की जरुरत को काफी वक्त से महसूस किया जा रहा था। सबसे पहले इस एयरपोर्ट का प्रस्ताव तत्कालीन 2001 में यूपी के मंत्री राजनाथ सिंह ने दिया था। इसके बाद मायावती की 2007 में सरकार बनी तो उन्होंने सर्वे से लेकर 35 गांव की जमीन भी प्रोजेक्ट के लिए छोड़ दी थी। उस वक्त भी केंद्र की सरकार ने हवाई सर्वे से अलावा भौतिक सर्वे भी करा लिया था, लेकिन जब प्रदेश में 2012 में अखिलेश यादव की अगुवाई में प्रदेश में सरकार बनी तो उन्होंने शुरू में यह कह दिया कि प्रदेश सरकार की इस तरह की कोई योजना ही नहीं है।
2017 में यूपी की सत्ता में आई बीजेपी सरकार ने आते ही जेवर में एयरपोर्ट बनाने की बात कही थी। सीएम ने यमुना प्राधिकरण को आवश्यक निर्देश भी दिए कि प्रोजेक्ट के लिए उचित कार्यवाही की जाए। यह एयरपोर्ट 3000 हेक्टेयर में बनाया जाएगा। जमीन का अधिग्रहण यमुना एक्सप्रेस-वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (वाईईआईडीए) करेगी। गौरतलब है कि जेवर में प्रस्तावित एयरपोर्ट पर शनिवार को निर्णय लिया गया जिसकी जानकारी उत्तर प्रदेश के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर दी। सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, “इस इंटरनेशनल एयरपोर्ट में 15 से 20 हजार करोड़ का निवेश होगा। पास में आगरा, वृंदावन होने की वजह से टूरिज्म इंडस्ट्रीज को काफी फायदा होने वाला है। एयरपोर्ट के पास ही फाॅर्मासियूटिकल पार्क का निर्माण होगा। एयरपोर्ट का पहला फेज 5 से 6 साल में पूरा होने की उम्मीद है, जिसकी अनुमानित लागत करीब 10 हजार करोड़ है।