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गाजियाबाद में क्राइम के मामलों में इजाफा

हॉट सिटी में क्राइम के लिए नशा और नशे में क्राइम के मामलों में इजाफा  

गाजियाबाद: मैने पी नहीं है, पिला दी गई है। बेशक यह गाना है, लेकिन गाजियाबाद में शराब के नशे मेें अपराध के आंकड़ों में इजाफा हो रहा है। कोई खुद शराब पी रहा हो या कोई उसे पिला रहा हो, लेकिन यहां होने वाले अपराध का प्रमुख कारण शराब ही हैं। शराब के नशे में यहां सडक़ हादसों के अलावा लूट, चोरी, हत्या, डकैती व दुष्कर्म तक की वारदातें हो रही है। कुछ लोग तो अपराध करने के लिए नशा कर रहे है और कई ऐसे है जो नशे के लिए अपराध कर रहे हैं तो कई लोग नशे में आपराधिक वारदात को अंजाम दे रहे है।

जिले में 60 फीसदी अपराध का कारण बना शराब

पुलिस आकड़ों को देखे तो गाजियाबाद में होने वाले 60 फीसदी अपराध का कनेक्शन नशे से है। जेल अधीक्षक एस.पी यादव बताते है कि जेल में आने वाले अधिकांश बंदी किसी ना किसी नशे के आदि होते हैं। ऐसे लोगों को नशे से छुटकारा दिलाने के लिए जेल में काउंसलिंग के साथ उन्हें दवा भी दी जाती है। साथ ही जेलकर्मियों को भी सख्त निर्देश है कि जेल में किसी भी प्रकार के नशे का सामान ना आ पाए। शराब के नशे में डीजे पर डांस के दौरान यहां अक्सर फायरिंग की घटनाएं होती रहती है। वहीं शराब के नशे में लगातार सडक़ हादसों के आंकड़ों में इजाफा हो रहा है। मोरटा गांव में ऐसा ही एक मामला सामने आया, जिसमें शराब के नशे में हुई फायरिंग से वहां मौजूद आबकारी इंस्पेक्टर घायल हो गए। गनीमत रही कि गोली उनके पैर को छूकर निकल गई।

यहां अपराध के लिए होता है नशा

यहां कई ऐसे गिरोह सक्रिय है, जो अपराध से पहले नशा करते है। कविनगर पुलिस के हत्थे चढ़े लुटेरों से पूछताछ में इसका खुलासा हुआ। गिरोह के सदस्य दिन में मकानों की रेकी करते थे और रात में शराब पीकर उन मकानों में लूटपाट की वारदात को अंजाम देते थे। इस गिरोह का मानना है कि ये लोग बिना नशे के अपराध नहीं कर सकते। कच्छा-बनियान गिरोह के बदमाश भी अपराध से पहले नशा करने की बात कबूल चुके है।

नशे के लिए भी अपराध करने वाले कम नहीं

पुलिस की माने तो यहां सक्रिय कई ऐसा गिरोह है, जो नशे के लिए अपराध करते है। इसमें चोरी व स्नैचिंग करने वाले गिरोह शामिल है। स्मैक, शराब, गांजा, चरस व अन्य नशे की लत में पड़ चुके ये लोग रुपए के लिए चोरी, लूट से लेकर हत्या तक की वारदात को अंजाम दे रहे है। नशे की लत में पड़ चुके ऐसे लोगों का पुलिस भी कुछ नहीं करती। कई बार तो देखने को मिला कि थाने के हवालात तक पहुंचने के बाद भी इन्हे छोड़ दिया गया।

कोट:

यहां के अधिकांश आपराधिक घटनाओं का प्रमुख कारण नशा है। नशे के कारण कई बार न चाहते हुए भी लोग अपराध कर बैठते है। यह एक सामाजिक समस्या है। इसे दूर करने के लिए पब्लिक को खुद आगे आने की जरूरत है। दीपक कुमार, एसएसपी

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