भारत ने शुक्रवार को फिर एक नायब काम किया इसरो इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन ने श्रीहरिकोटा से संचार उपग्रह GSAT-9 को कामयाबी से लॉन्च किया। यह एशिया के 7 पड़ोसी देशों को ‘आसमानी गिफ्ट’ का तोफा है। मई 2014 में सत्ता में आने के बाद पीएम मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों से दक्षेस उपग्रह बनाने का आग्रह किया था, जो पड़ोसी देशों को ‘भारत की ओर से उपहार’ के तौर पर दिया जा सके। पीएम नरेंद्र मोदी ने सैटलाइट के सफल लॉन्च के लिए वैज्ञानिकों को बधाई दी है। इस प्रोजेकट को पूरा करने में कुल लगत 450 करोड़ रुपये आई है। इस सैटलाइट से भारत के सात पड़ोसी देशों नेपाल, भूटान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, मालदीव, श्रीलंका को संचार और आपदा प्रबंधन में बड़ी मदद मिलेगी। यह उपग्रह 12 साल तक सूचनाएं उपलब्ध कराएगा।
इसरो ने पौने तीन साल की मेहनत के बाद GSAT-9 को तैयार किया है। बता दें की पीएम मोदी ने हाल ही में की गई अपनी मन की बात कार्यक्रम में घोषणा की थी कि दक्षिण एशिया उपग्रह अपने पड़ोसी देशों को भारत की तरफ से ‘कीमती उपहार’ होगा। GSAT-9 भारत के पड़ोसी देशों के बीच संचार में मददगार होगा। इस उपग्रह की कीमत 235 करोड़ रुपये है, जबकि पूरी परियोजना पर 450 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
चुकीं GSAT-9 भारत का एशियाई देशो के लिया उपहार है। इसलिए इस योजना में किसी अन्य पड़ोसी देश का कोई भी खर्चा नहीं होगा। इस संचार उपग्रह के ‘उपहार’ का अंतरिक्ष जगत में कोई और सानी नहीं है।