(न्यूज़ एजेंसी) मुंबई से गोवा के बीच चलने वाली सुपरफास्ट तेजस एक्सप्रेस की शुरुआत सुरेश प्रभु ने सोमवार को मुंबई के छत्रपति शिवाजी स्टेशन से की थी। देश को सुपरफास्ट ट्रेन की सौगात देने वाले सुरेश प्रभु को इस बारे में अंदाजा भी नहीं था कि भारत की जनता तमाम सुविधाओं से लैस ट्रेन की सुविधाओं का ऐसे मजाक उड़ायेगी मौजूदा हालात में तो यही लगता है? सूत्रों के मुताबिक पहली बार ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों ने हेडफोन वापस लौटाना उचित नहीं समझा। हेडफोन की छोरी का असर बुधवार को गोवा से मुंबई के सफर पर नजर आया। यात्रियों का आरोप है कि उन्हें अपनी स्क्रीन पर कुछ सुनना था इसके लिए उन्हें हेडफोन नहीं मिला। ट्रेन की शुरुआत में ही उसके शीशे को नुकसान पहुंचाने की बात भी सामने आ चुकी है।
रेलवे के अफसरों ने तेजस की तारीफ करते हुए इसे परियों पर चलने वाला प्लेन बताया था। जिसमें दी जानेवाली वर्ल्ड क्लास सुविधाएं मसलन सीट से लगी एलइडी स्क्रीन, वाईफाई, सीसीटीवी कैमरे जैसी सुविधाओं से लैस है। 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने में सक्षम यह ट्रेन मुंबई से गोवा के बीच 552 किलोमीटर कि दूरी 2 घंटे में पूरी करती है। जिसका न्यूनतम किराया 1185 और अधिकतम किराया 2740 है।
रेलवे के सीनियर अफसर ने मुंबई मिरर के बारे में बताया कि ट्रेन के सोमवार के सफर के बाद से कम से कम एक दर्जन हेडफोन नहीं मिले। उन्होंने बताया कि बहुत सारी एलईडी स्क्रीन्स पर स्क्रैच नजर आए। शुरुआत में ही हेडफोन बांटे गए थे। उन्हें वापस करने का ऐलान नहीं किया गया था क्योंकि हमें उम्मीद थी कि यात्री इसे नहीं ले जाएंगे। ठीक उसी तरह से जैसे वे अपने साथ तकिया या कंबल नहीं ले जाते।’ जब एक हेडफोन की कीमत के बारे में पूछा गया तो अफसर ने बताया कि वे ज्यादा महंगे नहीं थे। जब एक हेडफोन की कीमत के बारे में पूछा गया तो अफसर ने बताया कि वह ज्यादा महंगे नहीं थे।