गाजियाबाद: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने ब्रांडेड जनेरिक दवाओं के मूल्य को नियंत्रित करने की अपील की है। आईएमए की गाजियाबाद इकाई के अध्यक्ष डॉ. राजीव गोयल व सचिव डॉ. एच.एच.डी भारद्वाज का कहना है कि भारत सरकार के आदेश पर एमसीआई दिल्ली ने सभी चिकित्सकों को मरीजों को लिखे जाने वाली दवाएं दवा के साल्ट (जनेरिक) के रूप में लिखने के निर्देश दिए हैं। यह व्यवस्था उचित है। इससे मरीजों को सस्ती दवा मिलेगी और इलाज का खर्च भी कम होगा। उन्होंने कहा कि जनेरिक दवाएं उच्च गुणवत्ता की होनी चाहिए ताकि मरीज पर दवा का सही असर हो सके। दवा का असर न होने पर डॉक्टर को जिम्मेदार न समझा जाए। आज सभी ब्रांडेड कंपनियां भी ब्रांडेड जनेरिक दवाएं बनाती हैं, जिनका वास्तविक मूल्य लिखित मूल्य से बेहद कम होता है, मगर मरीज को यह दवाएं ज्यादा दाम पर दी जाती है। केंद्र सरकार ब्रांडेड जनेरिक दवाओं पर लिखे मूल्य को नियंत्रित करे, जिससे इसका लाभ मरीज को मिले। इसके अलावा गाजियाबाद में जन औषधि के सिर्फ दो स्टोर हैं। जहां पर सस्ती जनेरिक दवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन यह पूरे शहर की आवश्यकता पूरी नहीं कर सकते। दन स्टोर की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए।
