धीरेन्द्र अवाना / ग्रेटर नोएडा।सत्ता का नशा विधायकों और कार्यकर्ताओं के सर चढ़ कर बोल रहा है।भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान जिस उत्तर प्रदेश में जंगलराज कायम होने का मुद्दा जोर शोर से उठाया और अपनी सरकार बनने पर कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के वादे किये थे।लेकिन उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद भी किये हुये सारे वादे फेल नजर आ रहे है सत्ता के नशे में चूर भाजपा नेता पुलिस और प्रशासानिक अधिकारियों के साथ साथ पत्रकारों से भी अभद्र व्यवहार करने से नही चूकते।एक तरह प्रधानमंत्री भाजपा नेताओं को संयम बरतने की नसीहत दे चुके है।वही दूसरी ओर देखा जाये तो भाजपा नेताओं का विवादों से चोली दामन का साथ है।आप को बता दे कि उत्तर प्रदेश के वाराबंकी में पिछले साल भाजपा सांसद ने एएसपी को खाल खिचवाने की धमकी दी।बलरामपुर में भाजपा विधायक के समर्थक ने दंबगगई दिखाते हुये पत्रकार के साथ अभद्र व्यवहार किया व कैमरा छीन कर फोटो डिलीट कर दिये।पिछले साल ही गुडगांव के विधायक के कार्यालय के बाहर ही एक वरिष्ट पत्रकार के साथ भाजपा नेता ने अभद्र व्यवहार व मारपीट की।वही मध्य प्रदेश की बात करे ताे इंदौर में विधायक ने एक पत्रकार के साथ अभद्र व्यवहार किया।ऐसे बहुत से उदहारण भाजपा नेताओं के है जिनकी गिनती खत्म होने का नाम नही लेती।
ऐसा ही एक मामला जिला गौतम बुद्ध नगर के कचैंडा गांव ग्रेटर नोएडा का है।यह गावं सांसद आर्दश योजना के तहत गोद लिया हुआ गांव है।इस योजना के तहत गावों का निर्माण और विकास किया जाता है।लेकिन इस योजना के कर्ता धर्ता ही इस योजना को धराशाही करने पर तुले है।कल जब गौतम बुद्ध नगर के सांसद महेश शर्मा विकास कार्य का निरीक्षण करने कचैंडा गाँव पहुंचे।तभी कार्यक्रम में मौजूद दादरी विधायक तेजपाल नागर से स्थानीय पत्रकार ने नौ महीने पूर्व उनके द्वारा कचैंडा गाव के स्कूल को कक्षा छह सात आठ की मान्यता दिलाने का वादा याद दिलाया गया तो वह भडक गए । उन्होंने पत्रकार को धमकाते हुये कहा कि आप मुझे कमजोर मत समझिए मैं एक ताकतवर विधायक हूँ ।आप को याद दिला दे कि 12 मई 2017 को दादरी के विधायक तेजपाल नागर कचैंडा गांव में आए थे। जहां पर मौजूद ग्राम वासियो ने महाराजा नैन सिंह इंटर कॉलेज की छठी सातवी आठवी कक्षा की मान्यता दिलाने की मांग की गई थी । जिसे उन्होंने पूरा करने का वादा किया था । लेकिन आज तक भी वह वादा पूरा नहीं किया गया।इसका जवाब पूछने पर ही विधायक पत्रकार पर भड़क गये।आम आदमी की इतनी हिम्मत नही होती कि वो स्थानीय विधायक से कुछ पूछ सके।अगर आम आदमी पत्रकारों के माध्यम से गांव के विकास कार्यो की जानकारी लेते है तो उन्हे धमकाया जाता है।इससे आसानी से समझा जा सकता है कि आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिए गावों की क्या स्थिति होगी।जब इस सम्बध में पीड़ित पत्रकार से बात की तो उन्होंने बताया कि हमारे सांसद और विधायक लोगों को वादे करके उनको उल्लू बनाते हैं।क्या किसी प्रतिनिधि को उसका वादा याद दिलाना गुनाह है ? वादा याद दिलाने पर विधायक द्वारा पत्रकार को यह कहना क्या दर्शाता है कि वह ताकतवर है । जनसभा में अपनी ताकत का दिखावा करने की बजाय अगर विधायक अपना वादा पूरा करे तो सारी समस्या ही खत्म हो जाए। जनप्रतिनिधि को वादे करके जनता का मुर्ख नही बनाना चाहिए।क्या इसी दिन को देखने के लिए हम इन्हें संसद और विधानसभा में भेजते हैं।