न्यूज़ एजेंसी दिल्ली हाई कोर्ट ने नया फरमान जारी किया है। जिसमे कोर्ट ने बुधवार को कहा है कि नगर निगम, ट्रैफिक पुलिस और दूसरी सिविक एजेंसियां दिल्ली की हर सड़कों का निरीक्षण करें और उन पर बने कुल स्पीड ब्रेकरों को गिनकर बताए। जानकारी के मुताबिक कोर्ट ने यह निर्देश तब दिया जब दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने बताया कि शहर में PWD (पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट) द्वारा बनाई सड़कों पर सिर्फ 93 स्पीड ब्रेकर ही अधिकृत तौर पर बने हैं।
बता दें कि यह फरमान दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को तब दिया गया जब दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली की मुख्य सड़कों पर 93 स्पीड ब्रेकर हैं जस्टिस एस. रविंद्र भट्ट और जस्टिस योगेश खन्ना की बेंच ने एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे दिल्ली की सड़कों पर गढ्ढों, मेनहोल और इस तरह की दूसरी सभी चीजों की पहचान कर कोर्ट में रिपोर्ट पेश करें। आगे रिपोर्ट में वह यह नहीं बता पाई कि कॉलोनियों, अपार्टमेंट सोसाइटियों जैसे इलाकों में बनी दूसरी सड़कों पर कितने स्पीड ब्रेकर हैं।
कोर्ट ने दिल्ली के तीनों नगर-निगमों के चीफ इंजिनियरों और स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस को निर्देश दिया कि वे मिलकर काम करें और स्पीड ब्रेकरों की असली संख्या बताएं। बेंच ने DDA (दिल्ली डिवेलपमेंट अथॉरिटी), दिल्ली कैंट, PWD और दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल ऐंड इंफ्रस्ट्रकचर डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन को भी यही निर्देश दिया है।