गाजियाबाद: सुभाष चंद्र बोस की मौत की सच्चाई पर पर्दा डालने पर राष्ट्रीय सैनिक संस्था ने केंद्र सरकार की निंदा की है। इसके विरोध में 18 अगस्त को जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। संस्था के चेयरमैन तेजेंद्र पाल त्यागी का कहना है कि भारत सरकार ने आरटीआई के जवाब में यह पुष्टिï कर दी है कि 18 अगस्त 1945 को प्लेन क्रैश में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का निधन हो गया था। 1945 से आज तक इस झूठ को बार-बार जनता के सामने लाया जा रहा है। 4 अगस्त 1997 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ ने केस नंबर-3019 में नेताजी की मृत्यु प्रमाणित नहीं की थी और सरकार को उन्हें खोजने के आदेश दिए थे। नतीजन तत्कालीन सरकार को 1999 में जस्टिस मुखर्जी आयोग बैठाना पड़ा। जस्टिस मुखर्जी ने अपनी रिपोर्ट के प्रारंभ में इस बात का उल्लेख किया था कि नेताजी की मृत्यु प्लेन क्रैश में नहीं हुई थी, मगर उनकी रिपोर्ट को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने खारिज कर दिया। संस्था का आरोप है कि नेताजी से जुड़े तथ्यों को सरकार द्वारा छुपाया जा रहा है। यह घोर निंदनीय कृत्य है।
