गाजियाबाद: जिला मुख्यालय सभागार में शनिवार को बाल संरक्षण पर आयोजित कार्यशाला में विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई। इस बीच अनाथ बच्चों के मेडिकल परीक्षण में रूचि न लेने की शिकायत मिलने पर डीएम ने जिला चिकित्सालय एमएमजी के सीएमएस डॉ. जे.के. त्यागी व डॉ. आसिफ को कारण बताओ नोटिस जारी करने के आदेश दिए। इसके अलावा प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को पत्र भेजकर इस प्रकरण की जानकारी दी जाएगी। कार्यशाला में बाल आश्रय गृह संचालकों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा बताया गया कि अनाथ बच्चों का बाल आश्रय गृह में प्रवेश से पहले मेडिकल चैकअप कराया जाता है। चिकित्सालयों द्वारा इसमें सहयोग नहीं किया जाता। इस पर जिलाधिकारी मिनिष्ती एस. ने कहा कि भविष्य में किसी बच्चे को मेडिकल के लिए ले जाएं तो संबंधित एसडीएम को अवश्य सूचित करें। अनाथ बच्चों के प्रति संवेदनहीनता कतई बर्दाश्त नहीं होगी। डीएम ने बालश्रम पर प्रभावी नियंत्रण के लिए ईंट भट्टों का निरीक्षण करने के निर्देश पुलिस-प्रशासन व श्रम विभाग के अफसरों को दिए। इस दरम्यान बालश्रम एवं बंधुआ श्रमिकों की शिकायत मिले तो संबंधित भट्टे को तत्काल सील कर दिया जाए। डीएम ने जनपद में संचालित सात बाल आश्रय गृह, तीन कस्तुरबा गांधी बालिका विद्यालय तथा राजकीय संप्रेक्षण गृह में बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण भोजन, चिकित्सा व शिक्षा आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
प्रत्येक थाने में बाल कल्याण अधिकारी
कार्यशाला में एसएसपी एच.एन. सिंह ने बताया कि जिले के प्रत्येक थाने पर बाल कल्याण अधिकारी की तैनाती है। बाल संरक्षण के संबंध में जहां पर भी जरूरत होगी आवश्यक सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। इस दौरान यूनीसेफ  की उप्र प्रमुख रूथ लियानो ने भी विचार व्यक्त किए। इस मौके पर सीडीओ रमेश रंजन, एडीएम राजेश कुमार, एसडीएम प्रेम रजंन सिंह के अलावा आफताब मौहम्मद, राजीव कुमार आदि मौजूद रहे।

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