1/12/2016 / नोएडा। सेक्टर-12 स्थित मेट्रो हॉस्पिटल्स व हार्ट इंस्टीट्यूट ने 76 वर्षीय महिला की 45 मिनट में नॉन इनवेसिव सर्जरी कर विश्व रिकॉर्ड बना दिया। आमतौर पर इस सर्जरी को करने में 4 से 5 गंटे का समय लगता है। रोगी के हृदय में नॉन सर्जिकल प्रक्रिया से ट्रांसकेथेटर एओर्टिक वॉल्व रिप्लेसमेंट (टीएवीआर) व रोगी की मुख्य आर्टेरी में स्टेंटिंग के साथ इंजियोप्लास्टी भी इसी सिटिंग में की गई है। 76 वर्षीय रमा धमानी को पिछले 15 साल से हाइपरटेंशन की बीमारी थी। वह पिछले 10 साल से हाइपोथाइरॉयसिम से भी पीड़ित थी। इसके अलावा सीओपीडी (फेफड़ों की बुरी स्थिति), दोनों घुटनों में गंभीर ओस्टियोअर्थराइटिस की समस्या थी। उन्हें सांस लेने में तकलीफ और छाती में दर्द के साथ हार्ट फेल के चलते कई बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी इको कार्डियोग्राफी में गंभीर और केलसीफिक एओर्टिक वॉल्व स्टेनोसिस का पता चला। उनकी क्रोनोरी एंजियोग्राफी से पता चला कि उनकी मुख्य आर्टेरी गंभीर रूप से ब्लॉक है। न तो रोगी सर्जरी के लिए फिट थी और ना ही उनके परिवार वाले रोगी की ओपन हार्ट सर्जरी कराना चाहते थे। जब डॉक्टर उन्हें केथ लैब लेकर जा रहे थे तो रोगी के परिवार ने डॉक्टरों को स्पष्ट रूप से कहा कि अगर प्रक्रिया के दौरान किसी तरह की आपातकालीन सर्जरी की जरूरत भी पड़ी तो वह इसके लिए भी तैयार नहीं है। प्रक्रिया में रोगी को लोकल एनेस्थीसिया दिया गया। शुरूआत में मुख्य आर्टेरी की स्टेंटिंग के साथ एंजियोप्लॉस्टी की गई। इसके बाद 26 एम एम के आकार की खुद ही फैलने वाली प्री क्रिम्लड वॉल्व लगाई गई। प्रक्रिया के बाद एंजियोग्राफी और इको से वाल्व के लीक और उसके कसाव को चेक किया गया। रोगी को 3 दिन बाद छुट्टी दे दी गई।
1992 में नई दिल्ली में कार्डियोलोजिकल सोसयाटी ऑफ इंडिया के वार्षिकोत्सव के दौरान मेट्रो ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के चेयरमैन डॉ. पुरूषोतम लाल ने कहा था कि एक दिन हम बिना सर्जरी के एओर्टिक वॉल्व रिप्लेसमेंट करेगें। 12 जुलाई 2004 में डॉ पुरूषोतम लाल ने अपनी टीम के साथ दुनिया में पहली बार कोर वॉल्व के साथ ट्रांसकेथेटर एओर्टिक वॉल्व रिप्लेसमेंट किया और उसकी रिसर्च से जुड़े पेपर भी प्रकाशित किए। 24 साल बाद उन्होंने बिना सर्जरी के नॉन इनवेसिव सर्जरी कर अपना रिकॉर्ड बना लिया।