“जागरूकता की कमी और लापरवाही से बढ़ रहे हादसों के मामले”
गाजियाबाद: गाजियाबाद में रेडलाइट जंप कर वाहन चालक जान जोखिम में डाल रहे हैं। इसमें लोगों की लापरवाही के साथ कई बार ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी कोई एक्शन नहीं लेते हैं। ऐसे में आए दिन हादसे बढ़ रहे हैं। ट्रैफिक विभाग के आंकड़ों को देखे तो 2016 में जहां जिले में 897 सडक़ हादसों के मामले सामने आए। वहीं इस साल जनवरी से अब तक 317 हादसे हो चुके हैं। ट्रैफिक विभाग का कहना है कि इस साल हुए हादसे में 35 फीसदी मामले रेडलाइट जंप करने से हुए हैं। शहर में हापुड़ चुंगी, राजनगर एक्सटेंशन, चौधरी मोड़ और हापुड़ रोड तिराहे पर अक्सर सडक़ हादसों के मामले सामने आ रहे हैं।
यहां हर 5 मिनट पर 2 लोग जंप करते है रेडलाइट
एनएच-24 से लालकुआं होते हुए मोहन नगर की तरफ जाने वाले वाहन चौधरी मोड़ तिराहे से होकर गुजरते हैं। आसपास कई प्रमुख बाजार व रेलवे स्टेशन होने के कारण जीटी रोड पर बने इस तिराहे पर हमेशा भारी वाहनों के अलावा हल्के वाहनों का दबाव रहता है। इस तिराहे पर भी सुबह से लेकर रात तक ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं। जीटी रोड से अम्बेडकर रोड पर आने जाने वाले लोग रेडलाइट जंप करते रहते है। इस चौराहे पर प्रत्येक 5 मिनट में रेड लाइट जंप के 2 मामले देखे जा सकते हैं। यहां जनवरी से अबतक सडक़ हादसों के 27 मामले सामने आ चुके हैं।
कोट:
रेडलाइट जंप से सडक़ हादसे का खतरा बना रहता है। इसे ध्यान में रखते हुए ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। लोगों की सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। -राजेश कुमार, एसपी ट्रैफिक