6/12/2016 / नोएडा। जनहित मोर्चा की तरफ से मंगलवार को जिला संयोजक राजे कसाना की अध्यक्षता दनकौर स्थित कल्चर सेंटर में बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान बीते 11 नवंबर को यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरूण वीर सिंह को भूखंड आवंटन के संबंध में दिए गए ज्ञापन के संदर्भ में चर्चा की गई। इस मौके पर 2009 में 21 हजार भूखंड आवंटियों की समस्याओं का हल ना करने पर रोष प्रकट किया गया।
पूर्व मंत्री नवाब सिंह नागर ने कहा कि प्राधिकरण ने ज्ञापन पत्र के जवाब में जो पत्र 2 दिसंबर को प्रेषित किया है, उसमें जरूर लगभग 855 भूखण्ड आवंटियों को कब्जा दिए जाने की बात कही गई है। लेकिन यह कुल संख्या की अपेक्षा बहुत कम है। इस मतलब यह रहा कि अधिकांश समस्याओं का हल अभी नहीं हो पा रहा है। साथ ही न तो कब्जा न मिल पाने के समय को शून्य काल घोषित करने का ठोस समाधान किया जा रहा है। इतना ही नहीं इसके अलावा अतिरिक्त मुआवजे के नाम 1330 प्रति मीटर अतिरिक्त वसूली की जा रही है।
नवाब सिंह नागर ने कहा कि इसे देखते हुए जनहित माेर्चा मांग करती हैं कि जेपी को दी गई विवादित जमीन को प्राधिकरण निरस्त करने की कार्यवाही करे। इस जमीन पर माननीय उच्च नयायालय इलाहाबाद में पहले से जो वाद चल रहे हैं, उसमें जेपी को लगभग फ्री में दी गई जमीन को वापस लेने की अपील प्राधिकरण करें। उस जमीन को प्राप्त करके सबसे पहले किसानों को 10 प्रतिशत के भूखंड आवंटित किया जाए। इसके बाद शेष बची जमीन पर इक्कीस हजार आवंटियों को कब्जा दिया जाए। उन्होंने कहा कि यदि प्राधिकरण ऐसा नहीं करता है तो जनहित मोर्चा प्राधिकरण का घेराव करेगा।