18/4/2019/बॉलीवुड/ललिता पवार का जन्म 18 अप्रैल 1916 को नासिक में हुआ था। आज उनके जन्मदिन पर हम आपको उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ किस्से बताते हैं। ललिता पवार के जन्म का किस्सा भी बड़ा रोचक है। उनकी मां अनुसूया प्रेग्नेंट थीं और अंबा देवी के मंदिर गई हुई थीं। तभी उनको दर्द हुआ और मंदिर के बाहर ही ललिता को जन्म दिया। अंबा देवी के मंदिर में जन्म होने की वजह से ललिता का नाम पहले अंबिका रखा गया था। 40 के दशक में ललिता पवार ने बतौर लीड एक्ट्रेस फिल्में करनी शुरू कीं। उन्होंने करीब 7 दशक तक फिल्मों में काम किया।ललिता पवार ने फिल्म राजा हरिश्चंद्र (1928) से 9 साल की उम्र में डेब्यू किया था। उनकी पहली बोलती फिल्म हिम्मत-ए-मर्दा (1935) थी। उस दौर में लड़कियों के लिए फिल्मों में काम करना अच्छा नहीं माना जाता था। हीरोइनें खुद अपने स्टंट करती थीं और उस समय के हिसाब से बोल्ड भी मानी जाती थीं। कामयाबी का सफर लगातार जारी था कि एक दिन उनकी खूबसूरती को किसी की नजर लग गई। 1942 में ललिता फिल्म जंग-ए-आजादी के एक सीन की शूटिंग कर रही थीं। एक्टर भगवान दादा को ललिता को थप्पड़ मारना था। उन्होंने ललिता को इतनी जोर से थप्पड़ मारा कि वो गिर गईं। डॉक्टर द्वारा दी गई किसी गलत दवा की वजह से ललिता पवार के शरीर के दाहिने भाग को लकवा मार गया। उनकी दाहिनी आंख पूरी तरह सिकुड़ गई और चेहरा खराब हो गया।अपने करियर में 700 फिल्मों में अभिनय के जौहर दिखाने वालीं इस एक्ट्रेस ने 24 फरवरी 1998 को दुनिया को अलविदा कह दिया। अपनी एक मूंदी आंख के साथ ललिता पवार ने फिर से फिल्म जगत में वापसी की। ललिता पवार अच्छी अदाकारा के साथ अच्छी गायिका भी थीं। ललिता पवार का जन्म एक कट्टर परिवार में हुआ था। उनके पिता लक्ष्मण राव शगुन एक अमीर बिजनेसमैन थे जो सिल्क और कॉटन का बिजनेस करते थे। कम ही लोगों को पता है कि कभी वो पर्दे पर बोल्ड और ग्लैमरस अवतार में भी दिख चुकी हैं। ललिता पवार का नाम सुनते ही एक क्रूर सास का चेहरा सामने आता है।
