16/9/2016/जिला अस्पताल में और बढ़ी मरीजों की परेशानी
-संविदाकर्मियों के बाद अब फार्मासिस्ट व लैब टेक्नीशियन भी हड़ताल पर गए
-डेंगू व चिकनगुनिया समेत अन्य बुखार के प्रकोप से पहले ही जिला अस्पताल पर है मरीजों का दबाव
नोएडा। जनपद में एक तरफ डेंगू व चिकनगुनिया समेत तरह-तरह के बुखार का प्रकोप लच रहा है, वहीं दूसरी तरफ जिला अस्पताल के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर है। ऐसे में जिला अस्पताल पर लगातार मरीजों का दबाव बढ़ रहा है। वहीं कर्मचारियों की हड़ताल के कारण जिला अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिला अस्पताल में संविदा पर काम करने वाले कर्मचारी पहले से ही हड़ताल पर है। अब शुक्रवार से फार्मासिस्ट और लैब टेक्नीशियन भी अपनी मांगों को लेकर दो-दो घंटे हड़ताल कर रहे है। ऐसे में जिला अस्पताल में मरीजों की परेशानी और भी बढ़ गई है।
संविदाकर्मियों की हड़ताल शुक्रवार को भी जारी रही। जिले के सभी संविदाकर्मी सेक्टर-39 स्थित सीएमओ कार्यालय पर धरना दे रहे है। सरकार की तरफ से अब तक कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलता देख संविदाकर्मियों ने आपातकालीन सेवा ठप कर दी गई है। इससे मरीजों की मुश्किल और भी ज्यादा बढ़ गई। संविदाकर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल का असर जिला अस्पताल से लेकर सभी सीएचसी व पीएचसी पर देखने को मिल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में खुले स्वास्थ्य केंद्र सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे है। एनएचएम के तहत चल रही सभी 11 क्लीनिक पूरी तरह से बंद चल रही है। संविदाकर्मियों के संगठन के साथ सरकार बातचीत कर अब तक कोई हल निकालने में कामयाब नहीं हो सकी है। इसलिए हड़ताल को और व्यापक व असरदार बनाने के लिए आपातकालीन सेवा ठप कर दी गई। जिला अस्पताल के आपातकालीन विभाग में शुक्रवार को मरीजों को अधिक भीड़ होने के कारण हलकान होना पड़ा। ओपीडी में पूरे दिन मरीजों की लंबी लाइन लगी रही।
शुक्रवार से जिले के फॉर्मासिस्ट भी हड़ताल पर चले गए। पिछले सप्ताह डिप्लोमा फॉर्मासिस्ट एसोसिएशन (डीएफए) के 46 सदस्यों ने वेतन विसंगितयों समेत अन्य मांगों को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नाम जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी विजय दीपक वर्मा को ज्ञापन सौंपा था। डीएफए के अध्यक्ष आरएन बरहेला ने बताया कि डीएफए की मांगे पूरी न होने के कारण शुक्रवार से जनपद के सभी फार्मासिस्ट सुबह दो घंटे तक हड़ताल कर रहे है। अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो अनिश्चितकालिन हड़ताल को मजबूर होना पड़ेगा। एक तरफ वेतन वृद्धि और नए पदों का सृजन नहीं हो रहा और दूसरी तरफ फॉर्मासिस्टों से अन्य जगह भी काम लिया जा रहा है।
फार्मासिस्ट के अलावा शुक्रवार से लैब टेक्नीशियन भी सुबह के समय दो घंटे हड़ताल पर चले गए। लैब टेक्नीशियनों की हड़ताल के कारण शुक्रवार सुबह दो घंटे तक लैब का काम ठप रहा। इस दौरान सुबह 9 बजे से 11 बजे तक किसी भी मरीज का सैंपल नहीं लिया गया।