28-3-18-एजेंसी-दिल्ली-देश के तमाम जेलों में भीड़भाड़ और दयनीय हालत पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कैदियों का भी मानवाधिकार है और उन्हें पशुओं की तरह जेल में नहीं रखा जा सकता..न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि जेल में बंद बहुत सारे ऐसे कैदी हैं, जिन्हें जमानत मिल चुकी है, लेकिन मुचलके की व्यवस्था न होने से वे जेल में हैं..अदालत ने यह भी कहा कि इनमें अधिकतर मामूली अपराधों में शामिल अभियुक्त हैं..पीठ ने कहा कि यह दुखद है कि जेल कैदियों से अटे पड़े हैं..उन्हें पशुओं की तरह नहीं रखा जा सकता है पीठ ने कहा कि अगर आप कैदियों को सही तरीके से नहीं रख सकते तो क्यों न उन्हें रिहा कर दिया जाए..अदालत ने ये टिप्पणी तब की जब उसे बताया गया कि देश के जेलों में क्षमता से 600 फीसदी अधिक कैदी हैं.. पीठ ने इस मसले को लेकर विधिक सेवा अथॉरिटी के वकीलों के काम पर भी आपत्ति जताई।