17-4-18-सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चुनाव आयोग से कहा कि वह मतदाताओं की वोट पर्ची ‘वीवीपैट’ मशीनों में संशोधन पर विचार करे ताकि मतदाता गलत मतदान होने पर अपना वोट रद्द कर सकें…चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष एक इंजीनियर ने याचिका दायर कर कहा कि मशीन दोषमुक्त नहीं है और यदि मतदाता अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट
देने में विफल रहते हैं तो इसमें वोटिंग रोकने या रद्द करने का प्रावधान भी होना चाहिए…हालांकि पीठ ने याचिकाकर्ता की अपील पर फैसला देने से इनकार कर दिया और उन्हें अपनी याचिका के साथ चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुति देने को कहा, जिसमें यह बताया जा सके कि वीवीपैट मशीनें त्रुटिमुक्त नहीं हैं…आपको बता दें कि 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान वीवीपैट मशीनें पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 543 में से आठ लोकसभा क्षेत्रों में लगाई गई थीं… इंजीनियर अरुण कुमार की याचिका पर सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा, ‘व्यक्तिगत रूप से याचिकाकर्ता की दलील सुनने के बाद हम उन्हें चुनाव आयोग में ही प्रस्तुति देने की छूट दे सकते हैं… इस छूट के साथ ही उनकी याचिका यहां खारिज की जाती है।