26/9/2016/नाराजगी के बाद भी नेताओं की सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह और सीएम अखिलेश में है आस्था
-पद छोड़ने के बाद भी पार्टी को जीत दिलाने के लिए पूरी निष्ठा के साथ काम करेंगे नाराज नेता
नोएडा। उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी सपा में परिवार की तकरार का असर गौतमबुद्ध नगर जनपद में दिखने लगा है। समाजवादी पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद यहां के नेताओं में शिवपाल यादव के खिलाफ नाराजगी देखने को मिल रही है। हालांकि शिवपाल यादव से खफा होने के बाद भी नाराज नेताओं की आस्था समाजवाद में बरकरार है। शिवपाल से नाराज नेता सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आस्था जताते हुए पार्टी को जीत दिलाने के लिए पूरी निष्ठा से काम करने की बात कह रहे हैं।
नोएडा। उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी सपा में परिवार की तकरार का असर गौतमबुद्ध नगर जनपद में दिखने लगा है। समाजवादी पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद यहां के नेताओं में शिवपाल यादव के खिलाफ नाराजगी देखने को मिल रही है। हालांकि शिवपाल यादव से खफा होने के बाद भी नाराज नेताओं की आस्था समाजवाद में बरकरार है। शिवपाल से नाराज नेता सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आस्था जताते हुए पार्टी को जीत दिलाने के लिए पूरी निष्ठा से काम करने की बात कह रहे हैं।
समाजवादी पार्टी में शिवपाल यादव के प्रदेश अध्यक्ष बनने से कई प्रकोष्ठों के अध्यक्षों को हटाए के बाद नोएडा में समाजवादी पार्टी के विभिन्न प्रकोष्ठों के पदाधिकारी सामुहिक रूप से अपने पदो से इस्तीफा दे चुके है। पार्टी के नाराज नेताओं का यह इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को भेजा गया है। सपा नेताओं का कहना हैं कि जब से शिवपाल सिंह यादव प्रदेश अध्यक्ष बने हैं, तब से कई प्रकोष्ठों के अध्यक्षों को हटा दिया गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव में हमेशा आस्था रही हैं और रहेगी।
समाजवादी पार्टी लोहिया वाहिनी के नोएडा महानगर अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले सैयद आफाक का कहना है कि पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने जिस तरीके से यूथ के प्रदेश अध्यक्षों व वरिष्ठ नेताओं को पार्टी से बर्खास्त किया हैं, उससे आहत होकर नोएडा में कई प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों ने सामुहिक रूप से इस्तीफा दे दिया। सपा के नाराज नेताओं का कहना है कि वह अपने पदों से भले ही इस्तीफा दे रहे हैं, लेकिन पार्टी के लिए निरंतर कार्य करते रहेंगे। इस सब का असर पार्टी के मिशन 2017 पर नहीं पड़ने दिया जाएगा। पद से इस्तीफा देने वाले सभी नेता प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में सपा के साथ ही रहेंगे और पूरी निष्ठा और इमानदारी से काम करेंगे। जिससे पार्टी को दोबारा सत्ता में लाकर अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाया जा सके।