एजेंसी-नोएडा-राज्यसभा के चुनाव में असली लड़ाई यूपी की 10 राज्यसभा सीटों के लिए होनी है..सबकी दिलचस्पी भी यही जानने में होगी कि यूपी को लेकर राज्यसभा सीटों के परिणाम क्या होंगे और इसके लिए बीजेपी, सपा और बसपा की रणनीति क्या होगी..उत्तर प्रदेश में बीजेपी और सपा-बसपा के बीच महज एक सीट को लेकर प्रतिष्ठा की लड़ाई है…हालांकि लोकसभा के उपचुनाव में जीत के बाद यहां सपा-बसपा के कैंडिडेट का समर्थन कर रही है…बीजेपी ने भी यहां अपने 9 कैंडिडेट मैदान में उतारे हैं..तो वहीं एक सीट का समीकरण कुछ इस तरह से बना है..
जिसकी वजह से ये चुनाव भी काफी रोचक हो गया है…राज्यसभा की इन 10 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में बीजेपी की 8 सीट पक्की है…तो वहीं सपा की नौंवीं सीट पक्की है. जहां से जया बच्चन का जीतना लगभग पूरी तरह तय है….लेकिन प्रतिष्ठा की लड़ाई दसवीं सीट के लिए है….जिसमें बीजेपी ने अनुभवी खिलाड़ी अनिल अग्रवाल को बसपा के भीमराव अंबेडकर के सामने उतारा है… दिलचस्प बात ये है कि इस खिताबी मुकाबले में बसपा के भीमराव अंबेडकर को एसपी ने अपना समर्थन दिया है… यहां सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि एक राज्यसभा सीट पर जीत के लिए औसत 37 विधायकों के वोट की जरूरत होती है…मतलब साफ है कि यूपी की 8 सीटों पर वोट करने के बाद बीजेपी के पास 8 विधायकों के अतिरिक्त वोट बच रहे हैं और उसे जीत के लिए 9 और वोट चाहिए…वहीं बसपा के पास 19 विधायक हैं, सपा के 10, कांग्रेस के 7 और रालोद के 1 वोट को मिलाकर कुल 37 हो रहे हैं. बसपा को अगर ये सभी वोट कर देते हैं तो लगभग यह जीत के बराबर होगा, मगर बीजेपी इनमें से तोड़ने में कामयाब हो जाती है, तो फिर यह असंभव हो जाएगा और बीजेपी बाजी मार ले जाएगी….