24/3/2019/गाजियाबाद के सबसे पहले विधायक सरदार तेजा सिंह के दामाद गुरुदेव सिंह मल्होत्रा उन दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि मई 1959 में कांग्रेस का तीन दिवसीय सम्मेलन होना तय हुआ था। तब गाजियाबाद मेरठ जिले की एक तहसील हुआ करता था। इस सम्मेलन की कमान स्थानीय विधायक तेजा सिंह को सौंपी गई। घंटाघर रामलीला मैदान में हुए सम्मेलन की तैयारी के लिए कई दिन पहले बड़े नेताओं की टीम गाजियाबाद पहुंच गई थी। देश में कांग्रेस की सरकार थी और प्रधानमंत्री की कुर्सी पर जवाहर लाल नेहरू काबिज थे।तीन दिन के सम्मेलन के लिए लगाए गए पंडाल पर महज 687 रुपये खर्च हुए जबकि भोजन पर 455 रुपये खर्च हुए। वर्तमान दौर में एक नेता के खाने का बिल ही हजारों में होता है। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, ऑल इंडिया कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष इंदिरा गांधी समेत कई दिग्गज नेता शामिल हुए थे। नेताओं ने सम्मेलन के लिए चंदा इकट्ठा किया। एक रुपये से लेकर 151 रुपये का चंदा इकट्ठा किया गया और बाकायदा इसकी एक बुकलेट प्रकाशित कराई गई। सबसे ज्यादा 151 रुपये का चंदा बाबू बनारसी दास की ओर से दिया गया। लेकिन वर्तमान में राजनीति अब पेचीदा ही नहीं महंगी भी हो गई है। वर्तमान समय में एक-एक जनसभा में कई-कई लाख रुपये खर्च होते हैं, लेकिन गाजियाबाद में तीन दिन का सम्मेलन महज 5714 रुपये में हुआ। इस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री शामिल हुए थे।
