24/03/18/कहते हैं कि आह सदियों पीछा नहीं छोड़तीं…और उसकी सजा….. देर से ही सही पर मिलती जरूर है…हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जो जानवर पैसों के अभाव में जिंदा नहीं बचे…उनकी आह से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी अपने आप को नहीं बचा सके…साल 1995-96 में हुए चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव पहले से ही 5 साल जेल की सजा काट रहे हैं…हालांकि सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने चारा घोटाले से ही जुड़े दुमका ट्रेजरी केस में लालू को दोषी पाते हुए 14 साल की सजा सुनाने के साथ ही 60 लाख का जुर्माना भी लगा दिया…जुर्माना नहीं देने पर लालू की 1 साल की सजा और बढ़ जाएगी…दुमका ट्रेजरी से दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच गैर-कानूनी तरीके से 3.76 करोड़ रुपए निकाले गए थे…इस मामले में सीबीआई ने 11 अप्रैल 1996 को 48 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी…और पहली चार्जशीट 11 मई 2000 को दायर की गई थी…वहीं कोर्ट के इस फैसले के बाद लालू की जेल से जल्दी बाहर आने की उम्मीदों पर पानी फिर गया…सीबीआई कोर्ट ने लालू को आईपीसी और करप्शन एक्ट के तहत 7-7 साल की सजा सुनाई है…जो एक साथ नहीं बल्कि अलग-अलग चलेंगी…हालांकि बीमार लालू कोर्ट नहीं पहुंच सके…लेकिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनकी पेशी की गई…जानवरों का चारा खाने के आरोप में लालू पर 6 केस दर्ज हैं…जिनमें से 2 में अभी फैसला आना बाकी है…लालू को मिली पिछली सजाएं एक साथ चल रही हैं…जिसमें से अधिकतम सजा 5 साल की है…अगर कोर्ट ने नई सजा को पिछली सजाओं में मर्ज नहीं किया तो लालू को 19 साल की सजा काटनी होगी…(यानी पिछली सजा 5+ नई सजा 7+7 जोड़ कुल 19 साल की सजा) जिसकी वजह से बीमार लालू और ज्यादा बीमार हो सकते हैं…हालांकि इस फैसले के बाद लालू के बेटे तेजस्वी ने कहा कि लालू को अब जान का खतरा हो सकता है… लेकिन तेजस्वी ये भूल गए हैं कि चाहे वो अपने पिता को बचाने के कितने भी दाव-पेंच लगा लें…लालू प्रसाद यादव को अब लंबे समय के लिए जेल की रोटी खानी पड़ेगी…जेल का पानी पीना पड़ेगा…अब तो जेल में रहना पड़ेगा…