4/11/2016/नोएडा। आगामी 12 नवंबर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारी को लेकर जिला प्रशासन जुट गया है। जिलाधिकारी एनपी सिंह ने राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के लिए गुरुवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी सभी अधिकारियों का आहवान किया कि आगामी 12 नवंबर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत का जनपदवासियों को अधिक से अधिक लाभ हो सके, इसके लिए कार्य योजना तैयार कर लें। जिससे राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक वादों का निस्तारण संभव हो सके। जिलाधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत के संबंध में गांव, ब्लाक, तहसील व जिला मुख्यालय स्तर पर व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि अधिक से अधिक लोगों को राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके।
डीएम ने कहा कि विभागीय अधिकारियों के माध्यम से राष्ट्रीय लोक अदालत के संबंध में प्रचार करने के उद्देश्य से ब्लाक, तहसील व संबंधित कार्यालय में बोर्ड या बैनर लगाए जाए ताकि संबंधित वादी अपने वाद का निस्तारण कराने की कार्रवाई प्रस्तावित कर सके। जिलाधिकारी ने कहा कि गांव में डुग्गी के माध्यम से राष्ट्रीय लोक अदालत का प्रचार करा दिया जाए। वही दूसरी ओर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी स्कूल अध्यापकों, स्वास्थ्य विभाग एएनएम व आशा और आंगनवाडी कार्यकर्ताओं के द्वारा गांव में व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए। बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त व राजस्व केशव कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट ग्रेटर नोएडा अंजनी कुमार सिंह, उप जिलाधिकारी दादरी अमित कुमार सिंह, जेवर विवेक कुमार श्रीवास्तव, जिला विद्यालय निरीक्षक मुनेश कुमार व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवेश कुमार यादव समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।
-इन वादों का होगा निपटारा
जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारित होने वाले वादों के बारें में बताया कि लोक अदालत में भूमि अध्याप्ति, बैंक वसूली, किराएदारी, उपभोक्ता फोरम, कर वसूली, सेवा निवृत्ति परिलाभ, पंजीयन व स्टांप, केबल नेटवर्क, मेढबंदी व दाखिल खारिज, पर्यावरण व प्रदूषण, अध्यापकों के वेतन व भुगतान, राशन कार्ड, बीपीएल जाति व आय प्रमाण पत्र, सेवा व श्रम विवाद, आयकर, पुलिस अधिनियम, मोटर यान अधिनियम, मनोरंजनकर, उ.प्र. दुकान व वाणिज्यकर, बाट-माप, चलचित्र अधिनियम, वन अधिनियम, नगरपालिका, विकास प्राधिकरणों द्वारा किए गए चालान, लघु शमनीय, दीवानी, अधिकरण, मनरेगा, जल व विद्युत आपूर्ति, कन्टोनमेंट एवं बोर्ड, 138 एनआई एक्ट, मोटरयान दुर्घटना, वैवाहिक व परिवार, भूमि अधिग्रहण, राजस्व, दैवीय आपदा, खनन अधिनियम, चकबंदी और प्री-लिटीगेशन के मामलें समेत आदि वादों व प्रकरणों का निस्तारण किया जा सकता है।