गुरु पूर्णिमा के पर्व के रूप में मनाया जाता है. आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म भी हुआ था, इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं. इस दिन शिष्य द्वारा गुरु की उपासना का विशेष महत्व भी है.इस दिन से ऋतु परिवर्तन भी होता है. गुरु को यथाशक्ति दक्षिणा, पुष्प, वस्त्र आदि भेंट करते हैं. गुरु पूर्णिमा इस साल रविवार, 5 जुलाई को मनाई जा रही है.
