यहां वो पहले हिंदू मंदिर की आधारशिला रखेंगे, जिसके डिजाइन और मैनेजमेंट का जिम्मा स्वामीनारायण संस्था को सौंपा गया है। इस समुदाय के दुनियाभर में मंदिर मौजूद हैं। इसमें अमेरिका के न्यूजर्सी का मंदिर भारत के बाहर पहला सबसे बड़ा मंदिर है। एरिया के लिहाज से इसे दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर कहा जाता है। मंदिर में लगे 13,499 पत्थरों भारत से न्यूजर्सी भेजा गया था।मंदिर में लगे पत्थरों की भारत में हुई थी नक्काशी…
यह मंदिर 134 फुट लंबा और 87 फुट चौड़ा है। इसमें 108 खंभे और तीन गर्भगृह हैं। इस मंदिर को शिल्पशास्त्र के मुताबिक बनाया गया है। इस मंदिर में 68 हजार क्यूबिक फीट इटालियन करारा मार्बल का इस्तेमाल हुआ है। मंदिर की आर्टिस्टिक डिजाइन के लिए 13,499 पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है।
पत्थरों पर नक्काशी का पूरा काम भारत में ही करवाया गया है। नक्काशी का काम पूरा हो जाने के बाद इन्हें समुद्री रास्ते से न्यूजर्सी पहुंचाया गया था।
– वहीं, भारत में सबसे बड़ा मंदिर तमिलनाडु के श्रीरंगम में 156 एकड़ के एरिया में बना है, जिसका नाम श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर है।
अमेरिकी जर्नलिस्ट स्टीव ट्रेडर ने बीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर के दर्शन कर न्यूजवर्क्स साइट पर लिखा है, ‘मंदिर में प्रवेश करने के बाद अद्भुत कलाकृतियों पर से नजरें हटाना बहुत मुश्किल है।”
उन्होंने लिखा कि इसके अलावा मंदिर के इंटीरियर के अलावा आउटर भी इस तरह तैयार किया गया है कि यह मंदिर 1000 सालों तक यूं ही खड़ा रहेगा।
इन्हें बनाने वाली मूल संस्था बीएपीएस (बोकसंवासी श्रीअक्षर पुरूषोत्तम स्वामी नारायण संस्था) द्वारा गांधी नगर गुजरात और दिल्ली के यमुना तट पर बने मंदिर बहुत विशाल हैं।
– गांधीनगर का मंदिर 23 एकड़ जबकि दिल्ली का 60 एकड़ में बना है। लेकिन राबिंसविल का मंदिर न केवल इनसे बड़ा बल्कि दुनिया के बारी सभी मंदिरों से भी बड़ा है।