24/03/18/गाजियाबाद : बच्चों के मामले में अक्सर लापरवाही करने वाली गाजियाबाद पुलिस पर एक बार फिर आरोप लगे हैं। एक शेल्टर होम के संचालक ने बाल कल्याण समिति से लिखित शिकायत करते हुए इंदिरापुरम थाना पुलिस पर आरोप लगाया है कि एक आठ साल बच्चे को थाने में दो दिन से अधिक समय तक रखा गया, जबकि ऐसा करना जुवेनाइल एक्ट का उल्लंघन है। समिति की सदस्य शालिनी ¨सह का कहना है कि शिकायत मिली है। बच्चे की काउंसलिंग करा संरक्षण अधिकारी से रिपोर्ट मांगी गई है। यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं बच्चे को संजयनगर स्थित चाइल्ड होम में रखा गया है।
प्रेरणा बाल आश्रम के संचालक तरुण ने बताया कि इंदिरापुरम पुलिस द्वारा गुरुवार रात चाइल्ड लाइन को लावारिस मिले बच्चे की सूचना दी गई। चाइल्ड लाइन की टीम ने बच्चे को चाइल्ड होम पहुंचाया। यहां शुरुआती काउंसि¨लग में उसने चौंकाने वाली बातें बताईं। इसके बाद तरुण ने उसका वीडियो बनाया। इसमें बच्चा बता रहा है कि उसका परिवार बिहार का रहने वाला है और एक माह पूर्व ही दिल्ली के मंडावली में आया था। पिता चालक हैं और घर में छह भाई-बहन हैं। बच्चे के मुताबिक, करीब एक सप्ताह पूर्व वह बाजार में मां से बिछड़ गया। इसके बाद उसे पुलिस मिली और थाने ले आई। बच्चे के मुताबिक उसे खाना पीना तो दिया गया, लेकिन खेलने से इंकार कर दिया जाता था। बच्चा लघुशंका के बहाने बाहर जाता और फिर घूमकर लौट आता था। उसका आरोप है कि दिन में उसे बेंच पर सुलाया जाता था, जबकि रात में वह फर्श पर सोता था। बच्चा कहता है कि पुलिस अंकल ने मुझे दो दिन तक बिठाए रखा। ..तो होगी कार्रवाई
इंदिरापुरम एसएचओ सचिन मलिक ने आरोपों से इंकार कर कहा कि बच्चा गुरुवार को ही मिला था। उसका घर ढूंढ़ने की कोशिश की गई, जब नहीं मिला तो उसी दिन चाइल्ड लाइन को सौंप दिया गया। हालांकिस वह बच्चे की बरामदगी और चाइल्ड लाइन को सूचना देने के समय के बारे में नहीं बता पाए। शालिनी ¨सह का कहना है कि पुलिस द्वारा बच्चे को बरामद करने के तुरंत बाद चाइल्ड लाइन और सीडब्ल्यूसी को सूचना देनी चाहिए थी। पुलिस-बदमाशों के बीच बच्चे को रखना तो दूर बच्चे से पूछताछ तक वर्दी में नहीं की जाती है। पुलिस विभाग को भी ये नियम पता हैं। इसके बाद भी यदि इंदिरापुरम थाने में दो दिन तक बच्चे को बिठाकर रखा गया है तो मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी। वहीं, एसपी सिटी आकाश तोमर ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। इस तरह का कोई मामला है तो उसकी जांच कराई जाएगी। बच्चे को थाने में इतने समय के लिए नहीं रखा जा सकता है। यदि इंदिरापुरम पुलिस की किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है तो कार्रवाई की जाएगी।