नोएडा / सेक्टर 12-22 के वाशी वह ग्रामीण की जनता सरकारी राशन की दुकानों से दुखी हो गई है सेक्टर वासियों का कहना है कि कोटेदार अपनी मनमानी तरीके से राशन वितरित करते हैं राशन कार्ड धारको ने बताया कि यह कोटे महीने में दो ही दिन खुलते हैं ग्राम वासियों का कहना है कि हम लोगों को कभी चीनी नहीं मिलती तो कभी चावल नहीं मिलते हैं सोनू ने बताया कि महीने में 3-4 किलो ही चावल मिलते हैं क्या हम पांच लोग 1 महीने में 4 किलो ही चावल खा पाएंगे हमारे संवाददाता ने जब 12-22 चौड़ा गांव मैं निरीक्षण किया तो चौड़ा रघुनाथपुर में ही 7-8 राशन की दुकानें मिली इस गांव में 12 और 56 के कोटे भी दिखाई दिए
बात करते है नोएडा के चौड़ा गाँव की तो यहा आये दिन शिकायत मिलती है कि सरकारी राशन की दुकान महीने में केवल एक या दो दिन खुलती है जबकि नियम ये है कि दुकान रोज खुलनी चाहिए।आम आदमी अगर सरकारी सस्ते गल्ले के डीलर की बतायी तिथि पर नही पहुचता है तो उसको राशन नही दिया जाता है।चाहे उसकी कैसी भी समस्या क्यों न हो।लोगो की माने तो उनके राशन की डीलर कालाबाजरी करते है और तो और जब खाद्य साम्रगी का वितरण किया जाता है तो वहा पर कोइ प्रवर्षक मौजूद नही होता जो होना चाहिए ।लोगों की माने तो 6-6 महीने हो जाने के बाद भी उनके राशन कार्ड अभी तक नही मिल पाये है।बार-बार शिकायत करने के बाद भी क्षेत्रीय अधिकारी कुछ नही करते।इसके विपरीत जो सुविधा शुल्क दे देता है उसका राशन कार्ड बन जाता है।कुछ लोगों की शिकायत है कि अगुली मिलान न हो पाने के कारण वे राशन लेने से वचिंत रहते है।इसमें हमारा क्या दोष।लेकिन हद तो तब हो जाती है जब कोइ विक्लांग या कैंसर पीड़ित व्यक्ति को भी राशन नही मिल पाता है।क्या विभाग के र्कमचारीयो की मानवता भी मर चुकी है जो कमजोर व लाचार लोगों की भी नही सुनती जबकि जो सुविधा शुल्क देता है।उसका काम आराम से हो जाता है।जब इस बारे में जिला पूर्ति अधिकारी से बात हुयी तो उन्होंने बताया कि इस मामले में जाँच करके आरोपियों के खिलाफ कारवाई की जायेगी।
