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24-2-18
एजेंसी – एमपी -भले ही मध्य प्रदेश ने पिछले हफ्ते लगातार पांच वर्षों तक कृषि क्षेत्र में दोहरे अंकों में विकास दर्ज करने के लिए प्रधान मंत्री से कृषि कर्मण पुरस्कार हासिल किया है, लेकिन राज्य में किसानों के आत्महत्याओं का रिकॉर्ड परेशान करनेवाला है साल 2016 में मध्यप्रदेश में हर आठ घंटे में एक किसान ने आत्महत्या की थी। इस वर्ष में 1,321 किसानों ने आत्महत्याएं की थी, जो कि साल 2013 के बाद से सबसे ज्यादा था। केंद्रीय कृषि मंत्री पुरुषोत्तम रुपला ने 20 मार्च 2018 को लोकसभा में यह गंभीर जानकारी दी….
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, देश भर में किसानों की खुदकुशी के मामलों में 10 फीसदी की कमी आई है, लेकिन मध्यप्रदेश में 2013 से यह आंकड़ा 21 फीसदी बढ़ा है…
2016 के आंकड़ों के आधार पर देश में किसानों की आत्महत्याओं के मामले में मध्य प्रदेश तीसरा स्थान पर है… कुल मिलाकर 2011 से 2016 के बीच मध्यप्रदेश में किसानों की खुदकुशी के 6,071 मामले दर्ज किए गए….कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा लोकसभा में 2016 के लिए पेश किए गए कृषि क्षेत्र के प्रोविजनल आंकड़े बताते हैं कि 2016 में हुई 1,321 आत्महत्याओं में से 722 लोग कृषि मजदूर थे और 599 किसान थे..
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, देश भर में किसानों की खुदकुशी के मामलों में 10 फीसदी की कमी आई है, लेकिन मध्यप्रदेश में 2013 से यह आंकड़ा 21 फीसदी बढ़ा है…
2016 के आंकड़ों के आधार पर देश में किसानों की आत्महत्याओं के मामले में मध्य प्रदेश तीसरा स्थान पर है… कुल मिलाकर 2011 से 2016 के बीच मध्यप्रदेश में किसानों की खुदकुशी के 6,071 मामले दर्ज किए गए….कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा लोकसभा में 2016 के लिए पेश किए गए कृषि क्षेत्र के प्रोविजनल आंकड़े बताते हैं कि 2016 में हुई 1,321 आत्महत्याओं में से 722 लोग कृषि मजदूर थे और 599 किसान थे..