नोएडा / शारदीय नवरात्र का आगाज हो गया है। पहले नवरात्र बुधवार को मंदिरों में मां दुर्गा के स्वरूप शैलपुत्री की पूजा हुई। नवरात्र के पहले दिन सेक्टर समेत गांवों के मंदिरों में मां शैल पुत्री की पूजा करने के लिए काफी संख्या में भक्तों का हुजूम पहुंचा। व्रती महिलाओं ने विधि विधान से कलश स्थापित कर मां की आराधना की। सुबह पांच बजे से ही भक्त मंदिरों में पहुंचने लगे थे। सेक्टर -22 मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार लगना शुरू हो गई। ग्रामीण इलाकों में भी देवी के मंदिरों में अच्छी खासी संख्या में भक्तों का हुजूम दिखा। शहर में मंदिरों व पूजा पंडालों के अलावा अधिकांश घरों में भी कलश स्थापित किया जाता है।
मां शैलपुत्री को पर्वतराज हिमालय की बेटी कहा जाता है। मान्यता है कि देवी सती ने जब पुनर्जन्म लिया तो इसी रूप में प्रकट हुई। इसलिए देवी के पहले स्वरूप के तौर पर माता शैलपुत्री की पूजा होती है। इस दिन उपासना में योगी अपने मन को मूलाधार चक्र में स्थित करते हैं। यहीं से उनकी योगसाधना का आरम्भ होती है। मां शैलपुत्री के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाये हाथ में कमल पुष्प शोभित है। इन्हें नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा माना जाता है। मां का ये रूप सुख शांति देने वाला है। मां शैलपुत्री को करुणा और ममता की देवी माना जाता है। शैलपुत्री को प्रकृति की भी देवी कहा जाता है।
