11/04/18/एजेंसी: भारत कच्चे तेल के बाजार में अपने आपको एक बेहतर स्तर पर खड़ा कर सकता है… अधिकारियों का कहना है कि वैश्विक तेल उत्पादकों के साथ होने वाली ऊर्जा मंत्रियों की कॉन्फ्रेंस में भारत ने कच्चे तेल की कीमत कम कराने का लक्ष्य रखा है… वह इस कॉन्फ्रेंस में अपनी बढ़ती मांग का फायदा उठा सकता है… जिसके बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चे तेल का आयातक बन जाएगा… नए व नॉन ओपीईसी देशों की ओर से ऑउटपुट बढ़ाने का डर भारत को फायदा पहुंचा सकता है… वर्तमान में भारत प्रतिदिन 50 लाख बैरल तेल रिफाइन करता है, जिसे साल 2030 तक बढ़ाकर 80 लाख बैरल प्रति दिन कर लिया जाएगा… इसे देखते हुए ओपीईसी देश भारत में अपने कदम जमाना चाहते हैं… भारतीय तेल मंत्रालय के अधिकारी व दो अन्य अधिकारियों ने बताया कि वैश्विक तेल उत्पादकों के साथ होने वाली बैठक में वह सऊदी अरब और नाइजीरिया के कच्चे तेज की आपूर्ति के संदर्भ में एडवांस बातचीत की उम्मीद कर रहे हैं… कल केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि दुनिया भारत से बढ़ते स्वरूप को देख रही है… हम दुनियाभर से उन सप्लायर को देख रहे हैं, जो पहले से ज्यादा बेहतर ढंग से भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति कर सके…