नोएडा / गुरुवार को नोएडा सेक्टर 6 प्राधिकरण पर् भारतीय किसान यूनियन ने धरना प्रदर्शन किया राजेश उपाध्याय ने बताया कि 40 वर्षो से लंबित नोएडा के किसानों के अधिकारों को लेकर लड़ाई लड़ रही है जिसमें दर्जनों बार ज्ञापनों के माध्यम से बिंदुवार सभी कार्यों पर समीक्षा पिछले ढाई वर्ष के अंतराल में किए गए हैं किसान यूनियन जानना चाहती है कि कार्यों की प्रगति कितनी हुई है यह जानना चाहती है भानु का कहना है कि एक तरफ सरकार किसानों के दयनीय हालात को देखकर किसान के हित में नई योजनाएं बनाती है लेकिन दूसरी तरफ प्राधिकरण अधिकारी किसानों को लेकर आवासीय आबादी को तोड़ने के साथ-साथ ध्वस्तीकरण नोटिस एवं गलत तरीके से भूमाफिया के नाम पर किसानों पर मुकदमे दर्ज कर रही है जबकि ऊपर दी गई आबादियों को आज तक कोई प्रतिकार नहीं लिया गया है इससे ऐसा लगता है कि प्राधिकरण किसानों को नोएडा से पलायन चाहते हैं किसानों के आबादी को उनके नाम हस्तांतरित करने की दिशा में भूलेख विभाग नियोजन विभाग परियोजना अभियान की तरफ से क्या काम किया गया है इसका ब्यौरा दें और कितने किसानों को उनकी जमीन पर पिछले 5 वर्ष में मालिकाना हक लिया तक सीमन प्रक्रिया का क्या उल्लेख है यह बताया जाए पिछले 2016 से आज तक किसानो के बैनामा फाइलों को रोक अब तक मुआवजा वितरण करना जबकि ने मौके पर कबजा ले रखा है यदि जमीन की प्राधिकरण को आवश्यकता नहीं है तो कब्जा हटाए एवं किसानों को लिखकर दें कि यह जमीन किसान की है नोएडा के विकास में जरूरत नहीं है 1 साल से किसान को आधे अधिकारी रोज-रोज धक्के खिला रहे हैं किसानों की तरफ से भानु ने प्राधिकरण से कहां है कि प्रत्येक गांव में खेल परिसर एवं पार्क और किसान भवन बनाने का वादा किया था इस प्रक्रिया को अभी तक किसी भी गांव में नहीं ले जाया गया है आज तक किसी भी गांव में पीने का पानी की आपूर्ति नहीं जबकि सेक्टरों में आप गंगाजल पिला रहे हैं ऐसे दोयम दर्जे की नीति क्यों हो रही है गांव में कितने समय में गंगाजल नसीब हो जाएगा खोखा पटरी ठेला लगाने से रोड पर भारी अतिक्रमण है उचित स्थान सीमित कर पास जारी किए जाए एवं 50 पास अधिकृत किसानों के वारिसों को अनुमोदित किए जाएं भानु ने बताया कि सोरखा गांव की किसानो को 2013 में सो भूखंडों का एक फर्जी सेक्टर तैयार कर 5% के भूखंड आवंटित किए गए मौके पर किसी किसान को कब्जा नहीं दिया और ना ही किसी की रजिस्ट्री हुई नक्शे में प्रदर्शित ग्रीन बेल्ट व्यापार मौके पर खत्म कर दिए गए बानो ने बताया कि शौ गांवों के किसानों को 2013 में 100 भूखंड एक फर्जी सैक्टर तैयार कर आवंटित के गए मौके पर किसी किसान को कब्जा नहीं दिया ना ही किसी की रजिस्ट्री हुई नक्शे में प्रदर्शि नक्शे में प्रदर्शित ग्रीन belt खत्म कर दी गए किसान भाई से प्राधिकरण के दर-दर पर धक्के खा रहे हैं किसानों का अविलंब निस्तारित करने की प्रक्रिया लाई जाए| भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राजेश उपाध्याय ने बताया कि अगर उन्होंने हमारी मांगे नहीं मानी तो हम अनिश्चितकाल तक यहां पर धरना प्रदर्शन करेंगे|
