नई दिल्ली, 28 अक्टूबर 2018,
लगभग चार महीने पहले दिल्ली के बुराड़ी इलाके के एक घर से एक साथ 11 लाशें निकलीगयी थीं. तब इन 11 मौतों का सच जानने के लिए लोग बेकाबू थे ? देश की जनता ये मानने के तौयार ही नहीं थे कि एक ही घर के 11 लोग एक साथ यूं भी खुदकुशी कर सकते हैं. इस खौफनाक हादसे के चार महीने बाद अब इसी मामले में दिल्ली क्राइम ब्रांच ने एक बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया है. खुलासा ये कि बुराड़ी के उस घर में उस रात जो कुछ भी हुआ वो ना तो कत्ल था और ना ही खुदकुशी, बल्कि वो सिर्फ एक हादसा था. हम सभी जानते है कि.बुराड़ी के एक ही परिवार के 11 सदस्य फांसी के फंदे पर लटके पाए गए थे, वो भी मुर्दा. वहां से छानबीन में एक रजिस्टर मिला था. जिसमें लिखा था- आखिरी समय पर झटका लगेगा, आसमान हिलेगा, धरती हिलेगी.. लेकिन तुम घबराना मत, मंत्र जाप तेज़ कर देना, मैं तुम्हे बचा लूंगा. जब पानी का रंग बदलेगा तब नीचे उतर जाना, एक दूसरे की नीचे उतरने में मदद करना. तुम मरोगे नहीं, बल्कि कुछ बड़ा हासिल करोगे. मगर उन्हें कोई बचाने नहीं आया और 11 लाशों के साथ वो घर एक झटके में श्मशान बन गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी साफ था कि किसी के साथ किसी भी तरह की ज़बरदस्ती नहीं हुई. देश और दुनिया को हिला देने वाले 11 लोगों की मौत के इस कांड को सुलझाने के लिए दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कोई पहलू नहीं छोड़ा क्राइम ब्रांच के मुताबिक उस परिवार के छोटे बेटा ललित ही था जो पिता के आदेशों को ना सिर्फ रजिस्टर में लिख रहा था. बल्कि उसे हूबहू पूरा भी कर रहा था. मगर जिस आवाज़ ने ललित से सबको बचा लेने का वादा किया था. उसने बचाया ही नहीं. असल में ऐसी कोई आवाज़ थी ही नहीं. ये तो बस ललित का वहम था. जो एक बीमारी की वजह से उसे सुनाई दे रही थी. उस रात ललित ने ही सभी के हाथ-पैर, आंखें बंद कर दी थीं. फिर उसी आलम में फंदे से झूलने के दौरान ना चाहते हुए भी पूरे परिवार का गला घुंट गया और सबके सब मारे गए.