गाजियाबाद / मसूरी के नाहल गांव के जंगलों में एक युवक का कंकाल मिला था। 8 सितंबर से युवक लापता था। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कंकाल को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। पांच लाख की फिरौती न देने पर युवक की हत्या का मामला प्रकाश में आया था।एक माह से था गुमसुदा। पुलिस की निष्क्रियता हुई उजागर।
गाजियाबाद मसूरी इलाके के मुगल गार्डन से 8 सितंबर को गुमशुदा हुए एक 23 वर्षीय युवक आबिद पुत्र हबीब का शव नहाल गांव के जंगल से बरामद हुआ था। एक माह से युवक घर से गुमशुदा हो गया था। जिसकी गुमशुदगी परिजनों ने थाने में दर्ज कराई थी। हालांकि बाद में परिजनों द्वारा पुलिस को बताया गया कि घर के फोन पर एक कॉल आई और 5 लाख की फिरौती मांगने का भी मामला सामने आया था। फिरौती ना देने पर युवक की हत्या कर देने की धमकी अपहरणकर्ताओं ने दी थी। पुलिस ने इस मामले में परिजनों को विश्वास में लेकर इस मामले की तहकीकात की तो मामला खुलकर सामने आया कि 5 लाख की फिरौती के लिए युवक का अपहरण किया गया था और फिरौती ना देने पर युवक की हत्या कर दी गई। हत्या कर शव को नहाल गांव के जंगल में फेंक दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने शक में एक युवक को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। जिससे पूछताछ में युवक ने सारी बातें उगल दी और पुलिस ने इस मामले में दो और युवकों को पूछताछ के लिए उठाकर गुमशुदा हुए युवक के कंकाल को नाहल गांव के जंगल से बरामद करने में सफलता प्राप्त की है। शव को पोस्टमार्टम को भेज कर आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।दरअसल परिजनों द्वारा डर की वजह से पुलिस को फिरौती की बात नहीं बताई गई। जिस कारण इतना बड़ा मामला सामने आया और युवक को अपनी जान गंवानी पड़ी। एक बात और सामने आई कि एक महीने बीतने पर पुलिस की निष्क्रियता भी देखने को मिली है। क्योंकि अगर पुलिस इस मामले को सही ढंग से लेती तो युवक को जान से हाथ न धोना पड़ता।
बहरहाल गुमशुदगी दर्ज होने पर पुलिस ठीक से कार्यवाही नहीं करती है। यह बात एक बार फिर से साबित हो गई है। मसूरी थाना क्षेत्र से 8 सितंबर से लापता आबिद नाम के युवक को पुलिस नहीं तलाश पाई। और आखिरकार उस का कंकाल नाहल गांव इलाके के जंगलों में से बरामद किया गया था। पुलिस को सूचना दी गई कि मसूरी के नाहल में नहर के पास के जंगलों में एक कंकाल पड़ा हुआ है। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने कंकाल को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इलाके में दर्ज हुई गुमशुदगी और कंकाल पर मौजूद कपड़ों और पास में मिले दस्तावेज के आधार पर पता चला है कि कंकाल आबिद नाम के युवक का है। 8 सितंबर से आबिद लापता था। और परिवार उसे तलाश रहा था। गुमशुदगी भी दर्ज कराई गई थी । लेकिन एक महीने के करीब बीत जाने के बावजूद पुलिस आबिद का पता नहीं लगा पाई। अब तक मामले में मात्र गुमशुदगी दर्ज की गई थी।
इस पूरे मामले में एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि मृतक के भाई इस्माइल के अनुसार उन्होंने अपने छोटे भाई 23 वर्षीय आबिद पुत्र हबीब किए गुमशुदगी 8 सितंबर को थाने में दर्ज कराई थी, कि उनका भाई दोपहर 2:30 से 3:00 बजे के करीब घर से लापता हो गया। पुलिस इस मामले में युवक की तलाश कर रही थी। इसी बीच परिजनों ने इस मामले में कुछ अहम बातें भी पुलिस से डर की वजह से छुपाई थी जो बाद में बताई गई। क्योंकि अपहरणकर्ताओं ने परिजनों से 5 लाख की फिरौती की डिमांड की थी। फिरौती ना देने पर जान से मारने की धमकी भी दी थी। इसी डर की वजह से परिजनों ने पुलिस से यह बात छुपाई। हालांकि पुलिस ने परिजनों को विश्वास में लेकर कुछ अहम बातें परिवार से पता कि और इस मामले में शक के आधार पर एक युवक को हिरासत में लिया गया। हिरासत में ले गए युवक से कुछ अहम जानकारी प्राप्त हुई जिस वजह से दो और युवक को पूछताछ के लिए लाया गया। पूछताछ में दोनों युवकों ने अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि उन्होंने आबिद की हत्या कर शव को नहाल के जंगल में फेंक दिया है। युवकों के बताएं गए स्थान पर से मृतक आबिद का शव कंकाल के रूप में बरामद कर लिया गया है। तीनों युवकों से इस पूरे मामले की कड़ाई से पूछताछ में मामला यह सामने आया कि युवक का अपहरण 5 लाख की फिरौती ना देने पर किया गया है। हालांकि तीनों युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है। और गुमशुदगी के मुकदमे को अपहरण, हत्या साक्ष्य छुपाने की धाराओं में दर्ज कर लिया गया है। तीनों युवकों को जेल भेजा जा रहा है।