05/03/2019/दिल्ली /एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. आस्था मुंजाल हमेशा से पढ़ाई में टॉपर रही आस्था का चयन आईआईटी और एमबीबीएस में हो गया था, लेकिन उसने इंजीनियरिंग करने से डॉक्टर बनना बेहतर समझा और वहां भी टॉप करती रही। वह एमडी करने के बाद भी सुपर स्पेशलिटी क्रिटीकल केयर की पढ़ाई व नौकरी एक साथ कर रही थी। आस्था के माता-पिता एस-1/96, तीसरी मंजिल पंचशील पार्क, दक्षिण दिल्ली में रहते हैं। परिवार में पिता रमेश मुंजाल, मां श्वेता व भाई आनंद है। परिवार का अपना कारोबार है। शादी के बाद आस्था पूसा रोड स्थित ससुराल में रह रही थी। सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था। शनिवार को आस्था ने नया मोबाइल खरीदा था। दोपहर में खाना खाने के बाद वह पति के साथ मोबाइल का नया कवर भी खरीदने गई थी। इसके बाद शाम करीब 4.15 बजे वह घर से अस्पताल के लिए निकल गई। रात 10.45 बजे आस्था ने उदित से बिल्कुल सामान्य हालत में बातचीत की। उसने किसी तरह की परेशानी या अन्य किसी बात का जिक्र पति से नहीं किया था। उदित से उसने रविवार को अपने घर जाने के बारे में बताया था। ऐसे में उसके परिजन मानने को तैयार नहीं है कि उसने आत्महत्या की है। एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. आस्था मुंजाल पश्चिम दिल्ली के महाराजा अग्रसेन अस्पताल के अपने ही केबिन में मृत पाई गईं। उनके शव के पास से एक सिरिंज और दवा की शीशी बरामद हुई है। बाईं कलाई पर इंजेक्शन का निशान है। परिजनों का आरोप है कि डॉ. मुंजाल की हत्या की गई है। उनकी मौत के बाद कई सवाल उठ रहे हैं, जिनके जवाबों का इंतजार उनके परिजनों और पुलिस दोनों को है। पापा कल रात मैं और उदित डिनर आपके साथ करेंगे.। आस्था के परिजन यह कहते हुए फफक पड़े। उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि जिस बेटी के घर आने का इंतजार कर रहे थे, वह दुनिया ही छोड़ गई। आस्था ने शनिवार दिन में अपने पिता से मोबाइल फोन पर चैट कर रविवार शाम अपने मायके आकर डिनर करने का वादा किया था।
