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नोटबंदी: रुपए की चाहत में भटकने को मजबूर

 5/12/2016/ नोएडा। पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा 500 व 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करने के फैसले के बाद से लेकर अब शहर के लोगों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। सोमवार को भी रोजाना की तरह बैंक व एटीएम के बाहर लोगों की लंबी-लंबी कतरें देखने को मिली। रुपए की चाहत में शहरवासी एक स्थान से दूसरे स्थान पर भटकने को मजबूर है। जिन लोगों ने नोटबंदी के फैसले के बाद अपने पुराने नोट को बैंकों में जमा कराए थे अब उन्हें रुपए निकालने में दिक्कत आ रही है।
बीते 8 नवंबर को पुराने नोट बंद करने के फैसले के साथ यह दावा किया गया था कि नए नोट पर्याप्त मात्रा में है। लोग आराम से पुराने नोट बदले और बैंक से पैसे निकाल सकते है। लिमिट तय होने के बाद भी लोगों को नए नोट नहीं मिल रहे है। जो लोग 24 हजार रुपए चेक से निकालने जा रहे है, उन्हें महज 10 हजार या 15 हजार की नकदी दी जा रही है। उसमें भी अधिकांश बैंकों में सिक्के दिए जा रहे है। जिससे लोगों में आक्रोश है। सोमवार को लाइन में खड़े लोगों ने फैसले का स्वागत तो किया लेकिन यह भी कहने से परहेज नहीं किया कि यदि नए नोट कम है तो लिमिट को कम कर दो। लेकिन जितनी तय की है उतनी नकदी तो दी जाए। बैंक सुबह 10 से 4 बजे तक कार्य कर रहे है। दोपहर तक बैंकों में करेंसी समाप्त हो रही है। ऐसे में सुबह से लाइन में खड़े होने के बाद भी हाथ खाली है।
शादी का कॉर्ड दिखाने वाले लोगों को ढाई लाख रुपए देने का स्पष्ट निर्देश दिया जा चुका है, लेकिन कैश कम होने के कारण बैंक मजबूर है। सोमवार को कई स्थानों पर एटीएम मशीनों में पैसा डाला गया तो अधिकांश एटीएम मशीन खाली रहे। लोग खाली एटीएम बूथ के बाहर लाइन लगाकर खड़े रहे। लोग इस उम्मीद में रहें कि मशीनों में पैसा डाला जाएगा, लेकिन कई एटीएम बूथ पर ऐसा हुआ नहीं।

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