22/11/2016 /नोएडा। नोटबंदी के फैसले के बाद शहर में लोगों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। सोमवार को बैंकों के बाहर रोजना की तरह वहीं स्थिति दिखी। सभी बैंकों के बाहर सुबह से ही लंबी-लंबी कतारें लग गई। कतार नए पुराने नोट बदलने के लिए नहीं बल्कि बैंक से पैसे निकालने वालों की ज्यादा थी। जिन्होंने फैसले के बाद बैंकों में पुराने नोट जमा कराए थे अब उन्हें वह पैसे मिलने में दिक्कत आ रही है। इसकी वजह दोपहर बाद तक बैंकों में नए नोट का खत्म होना है। लोगों के सब्र का बांध भी टूटता दिख रहा है। यही आलम रहा तो स्थिति भयावह हो सकती है।
बीते 8 नवंबर को पुराने नोट बंद करने के फैसले के साथ यह दावा किया गया था कि नए नोट पर्याप्त मात्रा में है। लोग आराम से पुराने नोट बदले और बैंक से पैसे निकाल सकते है। लिमिट तय होने के बाद भी लोगों को नए नोट नहीं मिल रहे है। जो लोग 24 हजार रुपए चेक से निकालने जा रहे है, उन्हें महज 10 हजार या 15 हजार की नकदी दी जा रही है। उसमें भी अधिकांश बैंकों में सिक्के दिए जा रहे है। जिससे लोगों में आक्रोश है। सोमवार को लाइन में खड़े लोगों ने फैसले का स्वागत तो किया लेकिन यह भी कहने से परहेज नहीं किया कि यदि नए नोट कम है तो लिमिट को कम कर दो। लेकिन जितनी तय की है उतनी नकदी तो दी जाए। बैंक सुबह 10 से 4 बजे तक कार्य कर रहे है। दोपहर तक बैंकों में करेंसी समाप्त हो रही है। ऐसे में सुबह से लाइन में खड़े होने के बाद भी हाथ खाली है।
25 हजार है नहीं कहां से दे ढाई लाख
जिला अधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि शादी का कॉर्ड दिखाने वाले लोगों को ढाई लाख रुपए अवश्य दिए जाए। लेकिन बैंक मजबूर है। बैंक प्रबंधन का कहना है कि उनके पास लोगों को देने के लिए 25 हजार रुपए नहीं है। किसी तरह वह नए पुराने नोट के बदले नए नोट व चेक की पेमेंट कर रहे है। उसी में दोहपर तक नए नोट खत्म हो रहे है। ऐसे में शादी के कॉर्ड दिखाकर लोगों को ढाई लाख रुपए कहा दिए जाए। आरबीआई को करेंसी जल्द से जल्द बैंकों तक पहुंचानी होगी।
अभी तक नहीं बदले जा सके मशीनों के खांचे
शहर के कई एटीएम मशीन खराब है, जबकि अधिकांश मशीनों में पैसे नहीं है। दावा किया गया था दो से तीन बाद मशीनों से 500 व 2000 रुपए के नए नोट मिलने लगेंगे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। दरसअल, पुरानी मशीनों में इन नए नोटो को फिट नहीं किया जा सकता। इसके लिए मशीनों में लगे खांचे बदलने होंगे। लेकिन अभी शहर के एटीएम मशीनों के खांचे बदले नहीं गए। ऐसे में जहा पैसे डाले जाते है वहां सुबह से लंबी लंबी कतार लगना लाजमी है।