10/12/2016 / नोएडा। पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट को चलन से बाहर करने के कारण आम जनता को हो रही परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। नोटबंदी के कारण एक तो लोग पहले से ही परेशान है। उस पर शनिवार से सोमवार तक बैंक बंद रहने होने से लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई है। नोटबंदी के दौर में बैंक बंद होने से रविवार को रुपए निकालने के लिए लोग इधर-उधर भटकते रहें। शहर के अधिकांश एटीएम बूथ पर नो कैश का बोर्ड लगा मिला। वहीं जिन एटीएम में कैश मौजूद रहें, वहां लोगों की लंबी कतारें लगी रहीं। छुट्टी का दिन माने जाने वाले रविवार को लोग एटीएम की लाइन में खड़े होकर बीता दिया। इसके बाद भी एटीएम की कतार में घंटों खड़े होने के बाद भी कई लोगों को निराशा हाथ लगी।
रविवार को शहर के 60 प्रतिशत एटीएम कैशलेस रहें। नोटबंदी की घोषणा हुए एक माह से अधिक का समय हो चुका है। दावा किया गया था कि आरबीआई पर्याप्त मात्रा में करेंसी छाप रही है। किसी भी बैंक व एटीएम में नए नोटों की कमी नहीं आएगी, लेकिन कैशलेस का असर गत दो सप्ताह से देखने को मिल रहा है। ऐसे में आम लोगों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही। तीन-चार दिन तक कतार में खड़े होने के बाद भी कई लोगों को बैरंग होकर लौटना पड़ रहा है। बैंक प्रबंधनों का कहना है कि जब बैंक में ही पैसा नहीं पहुंच रहा तो एटीएम मशीनों की भी कहा से जाए।
आयकर विभाग की पैनी नजर शहर के कई खाता धारकों व बैंकों पर है। वह जनपद में खुले करीब 3 लाख 35 हजार जनधन खातों का रिकार्ड भी खंगाल रही है। इसका उद्देश्य दबी हुई नई करेंसी को बाहर निकलना है। तीन सप्ताह से लोग कतार में लग रहे है, लेकिन एक भी दिन लोगों को लिमिट के अनुसार पैसा नहीं मिला, जबकि आरबीआई से सरकार नए नोटों की कमी का हवाला दे ही नहीं रही। इस बीच एक ओर रविवार का दिन कतार में बीत गया।
आलम यह है कि 60 प्रतिशत एटीएम सही है। जिसमे से महज 20 प्रतिशत एटीएम मशीनों में ही पैसा डाला जा रहा है। ऐसे में यहां के लोग दिल्ली जाकर पैसा निकाल रहे है। वहीं दो हजार रुपए के लिए घंटों लाइन में खड़े हो रहे है।
नोटबंदी के असर ने मॉल्स को गुलजार कर दिया है, जबकि अट्टा मार्केट के अलावा अन्य बाजारों में स्थिति की जस की तस है। यहा मॉल्स में कॉर्ड स्वाइप की मशीने हर स्टोर व शो रूम पर मौजूद है। महंगा है, लेकिन हाइटेक शहर के लोग वहीं से खरीददारी कर रहे है। इन मॉल्स के बगल में मौजूद अट्टा मार्केट की दुकानों में मायूसी छाई रहती है। यहां दुकानदार नकदी के इंतजार में है।
नोटबंदी के असर ने मॉल्स को गुलजार कर दिया है, जबकि अट्टा मार्केट के अलावा अन्य बाजारों में स्थिति की जस की तस है। यहा मॉल्स में कॉर्ड स्वाइप की मशीने हर स्टोर व शो रूम पर मौजूद है। महंगा है, लेकिन हाइटेक शहर के लोग वहीं से खरीददारी कर रहे है। इन मॉल्स के बगल में मौजूद अट्टा मार्केट की दुकानों में मायूसी छाई रहती है। यहां दुकानदार नकदी के इंतजार में है।