2/12/2016 / ग्रेटर नोएडा। नोटबंदी से कैश की किल्लत और कारोबार बंद होने का बहाना बनाकर एक व्यक्ति कर्ज लौटाने से इनकार कर रहा था। रिपोर्ट दर्ज हुई तो पता चला कि वह ग्रेटर नोएडा की एक सोसायटी में रहकर महंगे शौक पूरा कर रहा था। कासना पुलिस ने आरोपी को शुक्रवार को अरेस्ट करके कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया। कासना पुलिस ने बताया कि बीटा-1 सेक्टर में रहने वाली राज पत्नी सोमवीर, बबीता और आभा ने गेल सोसायटी में रहने वाले ब्रिजेश रावल के खिलाफ 5.35 लाख रुपये का फ्रॉड करने का आरोप लगाते हुए कासना कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोपी सिविल कॉन्ट्रेक्टर है। पीड़िता राज का कहना है कि ब्रिजेश रावल से 2 साल पहले मुलाकात हुई थी। वह दनकौर एरिया के अमीरपुर गांव का रहने वाला है। ब्रिजेश और उसकी पत्नी का उनके घर आना-जाना हो गया। आरोप है कि एक साल पहले ब्रिजेश रावल ने झांसे में लेकर उनसे कमिटी डलवाई और 5.35 लाख रुपये पैसा ले लिया। आरोप है कि आरोपी ने एक साल बाद भी न तो ब्याज लौटाया और न तो मूलधन दिया। पीड़ित का कहना है कि बार-बार रुपये लौटाने के लिए मोहलत मांग रहा था। नाेटबंदी होने के बाद वह कैश न होने और इससे काम-काज ठप्प होने की बात कहकर मोहलत मांगने लगा। परेशान महिलाओं ने मामले की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी को शुक्रवार सुबह उसके घर से अरेस्ट कर लिया। पुलिस का कहना है कि जांच में पता चला है कि आरोपी जिस सोसायटी के फ्लैट में रहता था, उसे अपना बता रहा था, लेकिन बाद में पता चला कि वह किराए पर रहता है। उसने कई लोगों को 10 लाख रुपये से ज्यादा का चूना लगाया है। कर्ज लेकर वह वह अपना शौक पूरा कर रहा था। घर में महंगे सामान और कार आदि मेंटेन कर रहा था।
