नोएडा।नोएडा का नाम सुनकर लोग एक हाइटेक शहर की कल्पना करते है।यह सही है कि नोएडा एक हाइटेक शहर है पर यहाँ पर मौजूद विभिन्न विभाग अभी तक हाइटेक नही हो पाये है।एक तरफ सरकार डिजिटल एंडिया व भष्टाचार से लडने का दावा करती है वही दुसरी ओर खाघ एंव आपूर्ति विभाग न तो डिजिटल बन पाया न ही भष्टाचार मुक्त हो पाया।आये दिन आम जनता से सुनने को मिला है कि आज हमे राशन नही मिला और हमारा राशन कार्ड निरस्त कर दिया है।जिस राशन कार्ड से कई बार राशन लिया जाता है वह अचानक निरस्त कर दिया जाता।जब इसका कारण डीलर से पूछा जाता है तो वह कहता है कि विभाग ने कार्ड निरस्त है पर कारण विभाग भी नही बता पाता है।सूत्रों की माने तो ये खेल विभाग के कर्मचारी व राशन डीलरों द्वारा मिलकर खेला जाता है।आप को बता दे कि जब राशन डीलर राशन की कालाबाजरी का खेल शुरू करते है तो वो विभाग के कर्मचारियो को पहले ही कुछ राशन कार्ड निरस्त करने को कहते है अपना निजी स्वार्थ देखकर वो कार्ड निरस्त कर देते है और लोगों को फिर से कागज जमा करने के लिए कहकर गुमराह किया जाता है।जब कार्ड धारक इसका विरोध करते है तो उन्हे डरा धमकाकर चुप करा दिया जाता है।इसी विषय को लेकर कई बार विभन्न सामाजिक संस्थाओं व राजनैतिक पार्टीयों द्वारा धरना प्रदर्शन कर विभाग को समझाने का प्रयास किया जाता रहा है।लेकिन विभाग के ऊपर यह कहावत “भैस के आगे बीन बजाना”बिल्कुल सटीक बैठती है।क्या विभाग के आला अधिकरियों को आम जनता का आक्रोश दिखाई नही देता है ।कार्ड धारक विभाग के आला अधिकारियो से उम्मीद करते है कि राशन वितरण प्रणाली में व्याप्त भष्ट्राचार, कालाबाजारी एवं अनियमिताओं को समाप्त कराकर सही तरीके से राशन का वितरण सुनिश्चित कराये।जिन पात्र लोगों के गलत तरीके से कार्ड निरस्त कर दिये है उन्हें पुनः बहाल किया जाये तथा जिन गरीब पात्र लोगों के राशन कार्ड नही बने है उनके कार्ड बनाने के लिए गांव – कालोनी एवं झुग्गी बस्तीयों में कैम्प लगाकर राशन कार्ड बनाये जाये।
