18/02/2019/ दिल्ली/नई दिल्ली स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में अपने संबोधन में पूर्व पीएम ने कहा कि कृषि क्षेत्र का बढ़ता संकट, रोजगार के कम होते अवसर, पर्यावरण में आती गिरावट और इससे भी ऊपर विभाजनकारी ताकतों के सक्रिय रहने से देश को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों की आत्महत्याओं और बार-बार हो रहे किसान आंदोलनों से अर्थव्यवस्था में व्याप्त ढांचागत असंतुलन का पता चलता है।इस समस्या के समाधान के लिए गंभीरता से विचार करने और राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है। मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि संपत्ति और रोजगार के अवसरों में बढ़-चढ़कर भूमिका निभाने वाले लघु और असंगठित क्षेत्र को विनाशकारी नोटबंदी और जीएसटी के लापरवाही भरे तरीके से किए गए क्रियान्वयन से काफी नुकसान हुआ।पूर्व प्रधानमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह ने रविवार को मौजूदा मोदी सरकार को रोजगार और अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर घेरा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार देश की अर्थव्यवस्था को उसकी क्षमता के अनुसार बढ़ाने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि देश में रोजगार पैदा होने के बजाय रोजगार के नुकसान वाली वृद्धि के हालात बन गए हैं।
