29/03/18/रश्मि अग्रवाल संवाददाता/नॉएडा : देश को भविष्य के संकट से बचाने निकली भारत बचाओ यात्रा का आज 40 वां दिन है, अपनी यात्रा के हर पड़ाव में, सुदर्शन न्यूज़ ने स्वर्णिम अक्षरों में इतिहास लिखने के कई मौके पाये, कहीं उत्साह, कहीं भावुकता, कहीं अपेक्षाओं को रूप देने की उम्मीदों का दीया जलाए यात्रा जम्मू से जब शुरू हुई, तो हमारे सारथी सुरेश चव्हाणके जी की आँखों मे पलते सपने को आज पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र हर किसी ने अपना सपना माना, और जनसंख्या के असंतुलन पर पहली बार निकाले गए इस ऐतिहासिक यात्रा का साक्षी हर वो शक़्स बना, जो हिंदुस्थान को पाकिस्तान नहीं बनने देना चाहता, 40 दिनों की यात्रा, सम्बल देती, साहस देती रही है, अपनी मंज़िल की ओर, ख़्वाब पाले, ख़्वाब भारत माता को सुरक्षित रखने का, ख़्वाब हिंदुस्थान को और भी खूबसूरत बनाने का….
18 फरवरी को जम्मू से निकली जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की माँग यात्रा, यानी भारत बचाओ यात्रा की स्वर्णिम कोशिशें जारी हैं, 70 दिनों की अवधि का सपना पाले हमारी मुहिम को भारत के हर राज्य, हर गांव ने अपनी पलकों में रखा, 20 हज़ार किलोमीटर की यात्रा का मकसद इतना आसान नहीं होता, वो भी ऐसे इलाकों में जहां हमारी कोशिशों पर कुठाराघात करने का ज़्यादा प्रयास किया जाता है, जहाँ हिंदूओ को निशाना बनाया जाता हैं, 1000 सभाओं के लक्ष्य लिए सभाओं की संख्या बड़ी लम्बी हो रही है, और हो भी क्यों न, जिस ऐतिहासिक यात्रा में 25 करोड़ लोग सहभागी बनकर, हमारे मार्गदर्शक सुरेश चव्हाणके जी को साहस दें, हिम्मत दें, दुआ दें, वहां भला इतिहास लिखने की अच्छी कोशिशों को भला कौन रोक सकता है.
हिंदुओ पर वार करने वाले बंगाल के कुछ उपद्रवियों ने हमारी यात्रा में अनेक बाधाएं लगाने की बड़ी साज़िशें कीं.. विरोधियों की गिनती यहीं तक नहीं रूकती हैं आगे हैदराबाद में ओवैसी जैसे राष्ट्रद्रोही ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी ..24 घंटे में 3 बार राष्ट्र निर्माण संस्था के अध्यक्ष श्री सुरेश चाव्हणके जी और उनकी धर्म पत्नी माया जी को भी गिरफ्तार किया गया, पर कहते है न जहां चाहा हैं वहाँ राह हैं …यहाँ तक की हैदराबाद में यात्रा के दौरान सुदर्शन न्यूज़ के संवाददाताओं को भी जबरदस्ती गिरफ्तार कर लिया गया था ताकि यात्रा रोकी जा सके …यहीं हाल कुछ केरल में भी रहा जहां रैश ड्राइविंग का हवाला देते हुए पुलिस प्रशासन ने यात्रा को बाधित करने की कोशिश की जब मकसद ऐसे असामाजिक तत्वों को ही खदेड़ना है, तो भला विरोध होना तो लाज़मी भी था।
ख़ैर जो गिनती में ही नहीं आते, उनके विरोध से भला हमारा हौसला कहाँ कम होने वाला था, सपा, बसपा, शिवसेना, ब्राह्मण समाज, राजपूत समाज, मुस्लिम समाज के भाइयों ने हमपर फूल बरसाए, क्योंकि सबको पता है कि हजारों वाहनों का काफ़िला लेकर, कश्मीर से कन्याकुमारी तक की यात्रा सिरफिरे या जिनके सर पर जुनून सवार हो वो ही कर सकते हैं, वो जुनून है राष्ट्रहित के लिए कुछ भी कर गुजरना ,वो सिरफिरे जो भारत माता पर आँच आते नहीं देख सकते, वो सिरफिरे जो ख़ुदपर आँच मंज़ूर करते हैं, ख़ुदपर संकट तो बर्दाश्त करते हैं, पर हिंदुस्थान की अस्मिता पर नहीं,
दुआओं के साथ बद्दुआ करने वालों ने भी हरकतों की सारी हसरतें पूरीं की, कहीं हमारे रिपोर्ट्र्स को धमकाया गया, कहीं धारा 144 लगाया गया, कहीं संदिग्ध पकड़ाया गया, पर नदी की दिशा को भला कौन रोक पायेगा के मंत्र को सूत्र मानते हूए हम चलते रहे, बढ़ते रहे, कोशिशों को अंजाम तक पहुचाना, उम्मीदों के चिराग जलाना, हौसलों को बल देना, हमने अपनी यात्रा में लोगों को बताया कि किस तरह नापाक पाकिस्तान मे मंदिरों पर हमले हुए, गुरुद्वारों को निशाना बनाया गया, ये सब हिंदुस्थान में भविष्य में न घटे, इसे मुहिम बना, सुदर्शन न्यूज़ के सिपाही निकले हैं, माँ भारती की आरती करते, हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सबको गले लगाते, इसलिए ताकि देश के स्वाभिमान को ठेस पहुचाने वालों का अभिमान चूर-चूर हो, ताकि युवा, बुजुर्ग, महिला सब हमारे सहभागी बनें, साथी बनें, सारथी बनें, सिपाही बनें.
राष्ट्र निर्माण समिति के बैनर तले निकली इस यात्रा में 70 दिनों तक अपना तन, मन, धन देने वालों की लंबी संख्या है, वीरचक्र से नवाजे जा चुके सैन्य अधिकारियों, कई सैन्य अधिकारियों, साधु, सन्तों, साहित्यकारों, कवियों, बुद्धिजीवियों ने 70 दिनों की यात्रा के लिए अपना सुख त्याग दिया, महिलाएं हमारी हौसला बन के घर की रसोइयों से निकल के आधी आबादी को हौसला देने में लगी हैं, जब ऐसे हौसलेवीरों का साथ है, तब बढ़ना ही है, इतिहास रचने ही है, हमें बढ़ना ही है, और इसीलिए आज हर एक हिंदुस्थान कह रहा है हम दो हमारे दो, तो सबके दो।
लहरें के लिए रश्मि अग्रवाल की रिपोर्ट…